#readerfirst 27 crore scam happened and the mayor did not even know, Dhebar said, will file an FIR
राजधानी रायपुर में करोड़ के घोटाला का मामला सामने आया है। नगर निगम रायपुर में होर्डिंग घोटाला हुआ है। नगर निगम के अफसरों ने बहुत बड़ा घोटाला किया है। अफसरों ने एड एजेंसियों से पैसे लिया फिर मन चाहे पोल लगवाकर होर्डिंग लगवाने का काम किया है।
राजधानी रायपुर में करोड़ के घोटाला का मामला सामने आया है। नगर निगम रायपुर में होर्डिंग घोटाला हुआ है। नगर निगम के अफसरों ने बहुत बड़ा घोटाला किया है। अफसरों ने एड एजेंसियों से पैसे लिया फिर मन चाहे पोल लगवाकर होर्डिंग लगवाने का काम किया है। बड़ी बात तो यह है कि रायपुर स्थित माता सुंदरी स्कूल के सामने चौराहे बनवा दिया है। इसकी जानकारी पार्षद, कलेक्टर, विधायक और निगम के महापौर को भी नहीं है।
इस घोटाले को महापौर एजाज ढेबर ने पकड़ा है। उन्होंने कहा कि बिना पूछे बिना जानकारी के अधिकारियों ने होर्डिंग के टेंडर के लिए दे दिया गया है। एजेंसी को मनचाहे रेट दिए है। बन रहे चौक के बारे में बताया कि इसे किसने बनाया और कौन काम कर रहा है,कुछ पता नहीं है। उसके खोजबीन जारी है। अंदाजा लगाया जाता है कि इसमें भी अफसरों क मिलीभगत हो सकती है। इस विषय पर विशेष कार्रवाई की जाएगी। अफसरों ने महापौर से छुपाकर 27 करोड़ रुपए का घपला किए है। इसे लेकर महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि घोटाला करने वाले अफसरों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी की जाएगी। अपसारो के नाम पर FIR दर्ज होगा और बन रहे चौक को तोड़ने के आदेश दिए।
महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि 7 लोगों की समिति बनाई गई है जिसमें मैं भी शामिल हूं। अंदाजा लगाया जाता है कि करीब 27 करोड़ का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि महापौर होने के नाते मैं चाहता हूं कि निगम का राजस्व में बढ़ोत्तरी हो, लेकिन इस तरह से नहीं। अफसरों ने एड एजेंसियों के अनुसार काम किया है। इस घोटाले में जो भी शामिल है। उन्हें नहीं छोड़ेंगे, नहीं बख्शा जाएगा। महापौर एजाज ढेबर ने गुरुवार को एमआईसी की बैठक ली। बैठक में ढेबर ने कहा- जांच करने से पता चला है कि जो होर्डिंग्स लगाई गई है वो धांधली है। मन चाहे टेंडर दिया गया है। 15 बाय 9 की साइज को 18 बाय 18 किया गया है। जैसे रेट लगा वैसे नहीं लगना था। एमआईसी में रेट फाइनल करने का प्रस्ताव भी नहीं आया। उन्होंने कहा की शहर में लगे होर्डिंग अवैध है।
एक प्रश्न पर महापौर ने कहा- जो बचते रहता है वो सही है जो पकड़ा गया वही चोर है। बहुत दिनों से ये घोटाला चल रहा था। आखिरकर अब पकड़ में आ ही गया। 20 दिन तक स्टडी करने करने के बाद पता चला कि कागजों में घुमाकर काम किया गया है। इस विषय में मैंने 4 एक्सपर्ट लोगों से बात की और दो लोग बाहर से बुलाए, तब पता चल पाया कि गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि जो 27 करोड़ का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हम करेंगे। महापौर ने कहा कि यदि मैं संतुष्ट नहीं हुआ तो लोकायुक्त में जाउंगा, ये मामला शहर की सुरक्षा के लिए है। जो भी अफसर होंगे उनके निलंबन होगा और FIR होगी। रात में ही चाैक बन गई जिसकी खबर किसी को नहीं है। उसे भी तोड़ा जायेगा। कार्रवाई की जाएगी।