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अयोध्या के मुख्य पुजारी ने किया बड़ा खुलासा ,प्री मॉनसून बारिश में राम मंदिर की छत से टपकने लगा पानी, बैठ नहीं पा रहे पुजारी

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Ayodhya’s chief priest made a big revelation, water started dripping from the roof of Ram temple in pre-monsoon rain, priests are not able to sit

रामलला का मंदिर 500 वर्षों के संघर्ष के बाद सुखद परिणाम के स्वरूप निर्माण होकर खड़ा है. भगवान का दर्शन उनके भव्‍य मंदिर में हो रहा है. लाखों करोड़ों राम भक्तों की आस्था के मंदिर में प्री मानसून की पहली बारिश में ही छत से बहुत ज्यादा पानी टपक रहा है. यह हम नहीं.. बल्कि यह दावा रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कर रहे हैं. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बीते दिनों रामलला के गर्भगृह से पानी निकासी को लेकर सवालिया निशान मंदिर निर्माण में लगी संस्था के ऊपर लगाया था और अब रामलला मंदिर में प्री मानसून की पहली बारिश ने निर्माण कार्य की पोल खोल दी है.

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2025 तक पूरा हो जाएगा राम मंदिर का निर्माण कार्य?

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने राम मंदिर को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि ये 2024 है एक साल बाद 2025 है, एक ही वर्ष में मंदिर का कार्य निर्माण पूरा होना असंभव है. इसके आगे उन्होंने कहा कि जहां, रामलला विराजमान हैं, वहां पहली ही बारिश में पानी चूने लगा है, साथ ही बाकी जगहों पर भी पानी चूने लगा है. उन्होंने इसकी जांच की मांग की है.”एक साल में मंदिर का निर्माण असंभव”

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इसी साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। अभी भी राम मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। ऐसे में पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत से पानी टपकने लगा और अंदर जलभराव हो गया। इसे लेकर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बड़ा खुलासा किया।

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में मंदिर के प्रकोष्ठ बनाए जा रहे हैं, जहां अन्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इस कार्यों के लिए अलग विभाग भी बन गया है। ये खुशी की बात है कि मूर्तियों की स्थापना 2025 तक हो जाएगी। जो मंदिर बन गए हैं और जहां रामलला विराजमान हैं, वहां पहली ही बारिश में पानी टपकने लगा। मंदिर के अंदर भी बरसात का पानी भर गया था। राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को इस बात भी ध्यान देना चाहिए कि बने मंदिरों से क्यों पानी टपक रहा है।

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहा कि जो राम मंदिर बना है, उसमें पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है, ऊपर से पानी में चूने लगा है. उन्होंने कहा कि ये समस्या बहुत बड़ी है, सबसे पहले इस समस्या का समाधान होना चाहिए. मंदिर निर्माण को लेकर उन्होंने कहा कि अगर ऐसे कहा जा रहा है कि मंदिर का पूरा निर्माण कार्य 2025 में पूरा हो जाएगा तो ये अच्छी बात है, लेकिन ऐसे अंसभव है, क्योंकि अभी बहुत कुछ बाकी है बनाने को लेकर.
प्री मानसून की कुछ घंटों की बारिश में शहर में पांच प्रमुख स्थानों पर सड़कें धंस गईं। इनमें रामपथ के तीन स्थानों पर ऐसा हुआ। इसके अलावा चौक के पास रिकाबंगज मार्ग और पुलिस लाइन के सामने वाली सड़क पर भी गड्ढे हो गए। जबकि पुष्पराज चौराहा-फतेहगंज मार्ग का निर्माण कुछ समय पहले ही कराया गया था। रामपथ के निर्माण कार्य की गुणवत्ता भी एक बार फिर सवालों के घेरे में है।

शनिवार को रात मूसलाधार बारिश हुई। इस बारिश में शहर की सड़कों की दुर्दशा हो गई। पुष्पराज चौराहा से फतेहगंज जाने वाला मार्ग पुलिस लाइन गेट के सामने बड़ी गोलाई में धंस गया। कोई हादसा न होने पाए, इसके लिए स्थानीय लोगों ने आसपास ईंट रखकर और सड़क के गड्ढे में पेड़ की डाल रखकर सुरक्षा घेरा बना दिया। इसी तरह चौक घंटाघर के पास रिकाबगंज मार्ग भी धंस गया। जिस समय सड़क धंसी, उसी वक्त उधर से एक कार गुजर रही थी। कार सड़क पर हुए गड्ढे में फंस गई।

चौक-रिकाबगंज मार्ग पर जिस स्थान पर सड़क धंसी, इसी जगह पर अभी कुछ दिन पहले अमृत योजना के तहत सीवर पाइप लाइन बिछाने के लिए गड्ढा खोदा गया था। सीवर लाइन बिछाने का काम पूरा होने के बाद सिर्फ गिट्टी डालकर सड़क को अस्थायी रूप से पाट दिया गया। ठीक ढंग से मरम्मत नहीं कराई गई। इसी का नतीजा रहा कि बारिश में यहां पर सड़क धंस गई। गड्ढे में फंसी कार को स्थानीय लोगों ने धक्का देकर बाहर निकाला। हालांकि कार क्षतिग्रस्त हो गई। मौके पर मौजूद नितिन कुमार ने बताया कि मरम्मत का काम मानक के अनुरूप नहीं किया गया था।

उधर, रामपथ भी बारिश को न झेल सका। इस पथ पर मुकुट कांप्लेक्स के सामने, जिला अस्पताल के पास और रिकाबगंज चौराहा पर सड़क धंस गई। रामपथ इसके पहले भी बिना बारिश के कई स्थानों पर धंस चुका है। ऐसे में इसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं। अब एक बार फिर प्री मानसून की बारिश में इसके धंसने का मामला सामने आया है।

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल का कहना है कि कुछ जगहों पर सड़क को नुकसान पहुंचने की जानकारी मिली है। मौके पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को भेजकर मरम्मत का काम शुरू करा दिया गया है।

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