Shiva worship is incomplete without Bilva Patra, what are the correct rules of offering Belpatra, know the importance of Belpatra, rules of offering, mantra and method
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग जल अभिषेक, अकौटा, धतूरा, बेलपत्र चढ़ाते हैं। ऐसे में यदि आप भी सावन में भोलेनाथ को खुश करना चाहते हैं, सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, नौकरी में तरक्की, मनचाहा पति पाना चाहते हैं तो आपको सावन में ये उपाय जरूर करना चाहिए।

भगवान शिव और शिवलिंग को बेलपत्र चढ़ाने के सही नियम (Shiv ko Belpatra Chadane ke Niyam) क्या हैं। बेलपत्र चढ़ाने का महत्व क्या है। इसका शास्त्रों में क्या उल्लेख है।
बेलपत्र के पेड़ का महत्व
शिव पुराण में बेलपत्र के पेड़ (Belpatra Tree) या उसके पत्तों की पूजा के महत्व की व्याख्या दी गई है। मनुष्य ही नहीं देवता भी बेलपत्र के वृक्ष की पूजा करते हैं। पुराणों के अनुसार, भगवान शिव शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने वाले की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
Belpatra के पत्ते शिव की ऊर्जा को अवशोषित करते हैं, और जब इसे भगवान को चढ़ाया जाता है, तो इसमें कुछ ऊर्जा समा जाती है। Belpatra Tree (बेलपत्र के पौधे) की जड़ों के आसपास स्नान करना ब्रह्मांड के सभी पवित्र जल में स्नान करने के बराबर है, जिससे व्यक्ति पवित्र और दिव्य हो जाता है। इसके अलावा, बेल-पत्र का प्रसाद किसी के तमस्, रजस व सत्व – किसी व्यक्ति के स्वभाव के तीन पहलुओं को त्यागने का संकेत है।
बेलपत्र चढ़ाने के नियम
भगवान शिव को हमेशा उल्टा बेलपत्र यानी चिकनी सतह की तरफ वाला भाग स्पर्श कराते हुए चढ़ाएं. बेलपत्र को हमेशा अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली की मदद से चढ़ाएं. भगवान शिव को बिल्वपत्र अर्पण करने के साथ-साथ जल की धारा जरूर चढ़ाएं. ध्यान रहे कि पत्तियां कटी-फटी न हों.
बेलपत्र का महत्व
शिव पुराण अनुसार, श्रावण मास में सोमवार को शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है. शिवलिंग का बिल्वपत्र से पूजन करने पर दरिद्रता दूर होती है और सौभाग्य का उदय होता है. बेलपत्र से भगवान शिव ही नहीं, उनके अंशावतार बजरंगबली भी प्रसन्न होते हैं.
शिवपुराण के अनुसार, घर में बिल्व वृक्ष लगाने से पूरा कुटुम्ब विभिन्न प्रकार के पापों के प्रभाव से मुक्त हो जाता है. जिस स्थान पर बिल्ववृक्ष होता है, उसे काशी तीर्थ के समान पूजनीय और पवित्र माना गया है. ऐसे स्थान पर साधना, अराधना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
शास्त्रों में बेलपत्र का महत्व
लिंग पुराण में बेलपत्र का महत्व
1. भगवान शिव को प्रिय*
लिंग पुराण में कहा गया है, कि बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे चढ़ाने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
2. तीन पत्तियों का महत्व*
बेलपत्र की तीन पत्तियों को भगवान शिव के त्रिनेत्र (तीन नेत्र) और त्रिशूल (Trithool) का प्रतीक माना गया है।
3. पापों का नाश* लिंग पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
स्कंद पुराण में बेलपत्र का महत्व
1. शांति और समृद्धि*
बेलपत्र चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि का वास होता है।
2. पूजा में आवश्यक*
स्कंद पुराण में बेलपत्र को भगवान शिव की पूजा में आवश्यक बताया गया है। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
3. धार्मिक पुण्य*
स्कंद पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाता है, उसे धार्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है और उसका जीवन सफल होता है।
बेलपत्र के 16 फायदे (Benefits of Bel Patra Plant)
बेलपत्र के पेड़ की छाल, जड़, फल और पत्ते सभी का इस्तेमाल अलग-अलग रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इस पवित्र वृक्ष से मसूड़ों से खून आना, अस्थमा, पीलिया, पेचिश, एनीमिया और कई अन्य बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
बेल के फल में मौजूद टैनिन हैजा और डायरिया के इलाज में मदद करता है और इसके सूखे पाउडर का इस्तेमाल पुराने डायरिया के इलाज हेतु किया जाता है।
BelPatra (बेलपत्र) में एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो शरीर के कई संक्रमणों का इलाज करने में मदद करते हैं।
बेल के पत्ते (BelPatra) अत्यधिक चिकित्सीय होते हैं क्योंकि इसका अर्क कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
BelPatra से निकाले गए तेल से सर्दी और अस्थमा जैसे श्वसन संबंधी विकार ठीक हो सकते हैं।
घी और पके हुए बेल फल के मिश्रण को रोजाना खाने से दिल की कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
बेल फल कब्ज दूर करता है। नमक और काली मिर्च के साथ बेल फल का गूदा आंतों से विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करता है।
इसमें लैक्सेटिव अधिक होने के कारण बेलपत्र रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में फायदेमंद है।
बेलपत्र का इस्तेमाल करने से त्वचा पर होने वाले रैशेस को ठीक करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह शरीर की दुर्गंध को दूर करने में भी मदद करता है।
बेलपत्र का जूस पीने से आपके बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी। यह रूखे बालों को मुलायम बनाता है।
BelPatra त्वचा के उन धब्बों को खत्म करने में मदद करता है जो दवा के साइड इफेक्ट के कारण होते हैं।
BelPatra के फल में टैनिन होता है, जो विटिलिगो और बवासीर के प्रभावी उपचार में मदद करता है। प्राचीन काल में इन समस्याओं के उपचार हेतु कच्चे बेलपत्र के रस का इस्तेमाल किया जाता था।
चूँकि बेल पत्र (BelPatra) में एंटी-ऑक्सीडेंट यौगिक भी होते हैं, यह गैस्ट्रिक अल्सर से भी लड़ने में मदद करता है। इस तरह के अल्सर से पेट में अम्ल का स्तर असंतुलित हो जाता है।
BelPatra के फलों के अर्क में रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं। कई शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह शरीर के कई संक्रमणों के इलाज में मदद करता है।
शरीर में विटामिन C की कमी से स्कर्वी रोग हो सकता है। यह रोग व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है लेकिन इसका बेल से इसका इलाज किया जा सकता है। BelPatra में कई विटामिन पाए जाते हैं, और यह इस रोग को ठीक कर सकता है।
बेल के अर्क में भी सूजनरोधी (anti-inflammatory) गुण होते हैं। इसके लिए आपको बेल के अर्क को सूजन वाली जगह पर लगाना है।
लैक्सेटिव से भरपूर होने के कारण Bel Patra ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में उपयोगी होता है। यह आपके अग्न्याशय को एक्टिव करता है, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने हेतु आवश्यक इंसुलिन का उत्पादन करता है।