Wakf Board Act will be amended, Modi government will soon introduce amendment bill in Parliament, know what will be the provisions, government is preparing for big changes
वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन होगा. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है. वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक इसी हफ्ते संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार वक्फ एक्ट में संशोधन बिल 5 अगस्त को संसद में पेश कर सकती है. संसद में इस बिल के पास होने के बाद वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती होगी. वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने से परहेज करेंगे. ऐसे में आइए जानते हैं कि मोदी सरकार के बिल में क्या-क्या होगा…?

मोदी सरकार के बिल में क्या-क्या?
मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में वक्फ बोर्डों का पुनर्गठन, बोर्डों की संरचना में बदलाव और बोर्ड द्वारा वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन सुनिश्चित करना शामिल है.
विधेयक में सेंट्र वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ बोर्डों की संरचना को बदलने के लिए वक्फ एक्ट की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन करने का प्रस्ताव है, ताकि निकायों में महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके.
मोदी सरकार के विधेयक में स्टेट वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई विवादित जमीन के नए सत्यापन की मांग करने का भी प्रस्ताव है.
विधेयक में वक्फ बोर्डों द्वारा जिस संपत्तियों पर दावा किया जाएगा, उसको अनिवार्य रूप से सत्यापित किया जाएगा.
28 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड
पिछले साल मई में दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि केंद्र सरकार उन 123 संपत्तियों का फिजिकल इंसपेक्शन कर सकती है, जिनके कब्जे का दावा दिल्ली वक्फ बोर्ड कर रहा है. इसके बाद पिछले साल अगस्त में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इन सभी संपत्तियों को नोटिस भी जारी किया. इस समय देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं.
वक्फ बोर्ड की ताकत को कम करेगी सरकार
मोदी सरकार इस बिल के जरिए वक्फ बोर्डों के उस अधिकार पर लगाम लगाना चाहती है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर देते हैं. बिल में वक्फ बोर्ड की ताकत को कम करने की बात कही गई है. सरकार वक्फ बोर्ड के दावे का सत्यापन करने पर विचार कर रही है. उन संपत्तियों का भी सत्यापन किया जा सकता है, जिन्हें लेकर बोर्ड और मालिकों के बीच विवाद है.
क्या होगा संशोधन का असर
जानकारों का मानना है कि इस संशोधन का सीधा असर उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में होगा, जहां वक्फ बोर्ड काफी सक्रिय है और उसके पास जमीन भी बहुत है. 2013 में यूपीए सरकार ने मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को और अधिक शक्तियां दी थीं. वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है. वक्फ अधिनियम, 1995 को वक्फ की ओर से ‘औकाफ’ (वक्फ के रूप में दान की गई और अधिसूचित संपत्ति) को विनियमित करने के लिए अधिनियमित किया गया था. वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून के जरिये पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति समर्पित करता है.
अपील प्रक्रिया में खामियां भी जांच के दायरे में
इससे पहले सरकार ने राज्य वक्फ बोर्डों को किसी भी संपत्ति पर दावा करने के लिए व्यापक अधिकार दिए जाने और अधिकांश राज्यों में ऐसी संपत्ति के सर्वेक्षण में देरी का संज्ञान लिया था. सरकार ने वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों को निगरानी में शामिल करने की संभावना पर भी विचार किया था. सूत्रों ने कहा कि अपील प्रक्रिया में खामियां भी जांच के दायरे में हैं. उदाहरण के लिए, बोर्ड के किसी निर्णय के खिलाफ अपील न्यायाधिकरण के पास होती है, लेकिन ऐसी अपीलों के निपटान के लिए कोई समयसीमा नहीं होती. न्यायाधिकरणों का निर्णय अंतिम होता है और उच्च न्यायालयों में रिट क्षेत्राधिकार के अलावा अपील का कोई प्रावधान नहीं है.
इन संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है सरकार
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार संसद में संशोधन से जुड़ा जो बिल पेश करने की तैयारी में है उसमें करीब 40 बदलावों का प्रस्ताव है. इन 40 बदलावों में कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं.
विधेयक में वक्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन का प्रस्ताव.
वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना.
बोर्ड की संरचना में परिवर्तन का प्रस्ताव.
निकायों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का प्रस्ताव.
बोर्ड की ओर से भूमि को वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
राज्य वक्फ बोर्डों की ओर से दावा किए गए विवादित भूमि का नए सिरे से सत्यापन करने का प्रस्ताव.
क्या है वक्फ बोर्ड?
वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है
वक्फ को दान का एक रूप माना जाता है
वक्फ मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए दी गई संपत्ति है
संपत्ति और संपत्ति से हुए मुनाफे का हर राज्य के वक्फ बोर्ड प्रबंधन करते हैं
1954 में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने वक्फ अधिनियम पारित किया
सरकार ने 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना की
1995 में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड के गठन की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन किया गया
वक्फ बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि वक्फ संपत्ति से उत्पन्न आय का उपयोग मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए किया जाए
बिहार जैसे राज्यों में अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड हैं
वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है
देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं
वक्फ बोर्ड की संरचना में भी होगा बदलाव
विधेयक में वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव का भी प्रस्ताव है। साथ ही वर्तमान कानून के कुछ प्रावधानों को निरस्त करने का भी प्रयास किया गया है। वक्फ अधिनियम, 1995 को एक वक्फ द्वारा ‘औकाफ’ (दान की गई और वक्फ के रूप में अधिसूचित संपत्तियां) को विनियमित करने के लिए अधिनियमित किया गया था। वक्फ मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति समर्पित करने वाला व्यक्ति होता है।
इससे पहले, सरकार ने किसी भी संपत्ति पर दावा करने के लिए राज्य वक्फ बोर्ड की व्यापक शक्तियों और अधिकांश राज्यों में ऐसी संपत्ति का सर्वेक्षण करने में देरी का संज्ञान लिया था। सरकार ने संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए वक्फ संपत्तियों की निगरानी में जिलाधिकारियों को शामिल करने की संभावना पर भी विचार किया था। सूत्रों ने कहा कि अपील प्रक्रिया में खामियों की भी जांच की जा रही है।