A seriously ill child was successfully treated at the Medical College Hospital
शरीर में हो गए थे घाव, चमड़ी पड़ गई थी काली, शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम ने आईसीयू में रखकर किया इलाज
रायगढ़, 17 अक्टूबर 2024/ धरमजयगढ़ क्षेत्र से आए एक मासूम बच्चा कालेश्वर को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्चे का वजन उम्र के अनुसार बहुत कम था और उसकी स्थिति अत्यंत गंभीर थी। चिकित्सकों के अथक प्रयासों से बच्चा पूर्णरूप से स्वस्थ हो गया और उसके वजन में भी बढ़ोतरी हुई। बच्चे के स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार के उपरांत 05 अक्टूबर 2024 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
संत बाबा गुरू घासीदास जी स्मृति शा.चिकित्सालय रायगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम-कैचीरा, धरमजयगढ़ से आए 1 वर्ष 6 माह का मासूम बालक कालेश्वर पिता कैलाश जिसका वजन उम्र के अनुसार बहुत कम था। बच्चे की चमड़ी काली पड़ गयी थी एवं जगह-जगह पर घाव, छाले पड़ गए थे। बच्चे को सिविल अस्पताल धरमजयगढ़ से प्राथमिक उपचार के पश्चात् वहाँ के चिकित्सकों एवं गैर शासकीय संगठन के कर्मचारियों के मदद से बेहतर उपचार हेतु मेडिकल कालेज अस्पताल रायगढ़ रेफर किया गया। जब बच्चा मेडिकल कालेज अस्पताल संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शा.चिकित्सालय रायगढ़ के आपातकालीन विभाग में पहुँचा तो उसकी स्थिति अत्यंत गंभीर थी। बच्चा अत्यधिक सुस्त था, खाने एवं पीने में असमर्थ था। हाथ एवं पैर ठंडे पड़ गये थे एवं नाड़ी भी कमजोर थी।
बच्चे को बाल्य एवं शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ.एल.के.सोनी (विभागाध्यक्ष) के विशेष निगरानी में आईसीयू में भर्ती कर ईलाज शुरु किया गया। बच्चे को इलाज के दौरान आईवी बॉटल, एंटीबायोटिक, घावों की विशेष देखरेख एवं साफ.-सफाई की गई एवं चर्मरोग विशेषज्ञों की सहायता से चमड़ी संबंधित बीमारी का इलाज किया गया। बच्चे के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार आने के पश्चात् आहार विशेषज्ञों की सलाह अनुसार बच्चे को आहार प्रारंभ किया गया। बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार एवं पाचन शक्ति बढऩे के पश्चात् आहार को विशेष देखरेख में बढ़ाया गया। चिकित्सकों की टीम एवं स्टॉफ नर्सों की अथक प्रयासों से बच्चा पूर्णरूप से स्वस्थ हो गया एवं उसके वजन में भी बढ़ोतरी हुई।