On the sixth day of Devi Bhagwat, the story of three goddesses was narrated and Deepotsav was celebrated on the occasion of Ram Mandir foundation day
सौरभ बरवाड़/भाटापारा :- भाटापारा में नागरिक ज्ञान यज्ञ समिति के द्वारा आयोजित कल्याण क्लब मैदान में छठवें दिवस की श्री देवी भागवत पुराण कथा में संत बालयोगी विष्णु अरोड़ा ने आज महागौरी, चामुंडा कालरात्रि, देवियों का चरित्र एवं चड- मूंड, धूम्र-लोचन, रक्तबीज जैसे महादैत्यो के वध की कथा का वाचन किया जिसमें धूम्र-लोचन को मोह की संज्ञा दी । वही रक्त-बीज को हमारे अंदर रहने वाले लालच का नाम दिया जो कभी खत्म नहीं होता है। क्रोध को शांत करने के लिए ज्ञान की जगह भक्ति की कहानी बताई जिसमे संत एकनाथ की कथा बताई। एक नाथ की कथा का उद्देश्य गुस्से को काबू कर किसी भी परिस्थिति को नियंत्रित करने की क्षमता और अपने तरफ स्थितियों को लाने की ताकत का सजीव उदाहरण प्रस्तुत किया । कथा पंडाल के अंदर आयोजकों के द्वारा आज की तिथि में अयोध्या में स्थापित राम मंदिर एवं उसमें भगवान की स्थापना का उत्सव मनाते हुए सैकड़ो दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया गया ।

