The accountant of the company lost crores in online gaming, he himself had filed a fake report- Punjipathra police exposed the matter
● आरोपी से नकद 50 हजार रूपये, लैपटॉप, मोबाइल जप्त, बैंक में जमा 58 लाख होल्ड





रायगढ़, जिले के पूंजीपथरा थाना और साइबर सेल ने एक चौंकाने वाली धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है, जहां एक इस्पात कंपनी के एकाउंटेंट ने ऑनलाइन गेमिंग में करोड़ों रुपए गँवा दिए और खुद को बचाने के लिए पुलिस में ही ठगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस जांच में जब सच्चाई सामने आई, तो वही शिकायतकर्ता शातिर आरोपी निकला। पुलिस ने आरोपी अभिषेक कुमार दुबे को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया है। साथ ही, उसकी 58 लाख रुपये की बैंक जमा राशि को होल्ड कर नकद 50,300 रुपये, लैपटॉप, मोबाइल और अन्य डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं।
फर्जी शिकायत से खेली नई चाल
24 जनवरी 2025 को अभिषेक कुमार दुबे (32), निवासी जियरामाऊ, जिला जौनपुर (उ.प्र.) और हाल में चन्द्रहासिनी इस्पात प्रा.लि. गेरवानी में कार्यरत एकाउंटेंट, ने पूंजीपथरा थाना में आवेदन देकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि 19 दिसंबर 2024 को ₹14,79,349 की रकम सेवन स्टार स्टील के खाते में ट्रांसफर की थी, लेकिन यह राशि किसी अज्ञात व्यक्ति ने ओटीपी के जरिए अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। उसने आगे यह भी दावा किया कि कंपनी के अन्य खातों से भी इसी तरह की ठगी हुई होगी। पुलिस ने अपराध क्रमांक 27/2025 धारा 318(4) BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
सख्ती से उगलवाया सच, गेमिंग एप में झोंक दिए करोड़ों
जांच के दौरान पुलिस को शिकायतकर्ता पर ही संदेह हुआ। कड़ाई से पूछताछ करने पर अभिषेक दुबे ने कबूल किया कि उसने खुद ही कंपनी के पैसों को ऑनलाइन गेमिंग में लगाया था। आरोपी ने बताया कि वह बीते दो सालों से एक (दमन गेम) ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशन का उपयोग कर रहा था। उसने कंपनी का लैपटॉप और मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न खातों में 1.46 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए थे, जिसे वह ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन के वॉलेट में डालकर दांव पर लगा चुका था।
फर्जी ट्रांजेक्शन कर मिटा देता था सबूत
आरोपी ने बताया कि वह कंपनी के कर्मचारी प्रशांत मिश्रा से ओटीपी लेकर विभिन्न खातों में रकम ट्रांसफर करता था। इस दौरान, 19 दिसंबर को सेवन स्टार स्टील के नाम पर ट्रांसफर की जाने वाली रकम को सीधे अपने गेमिंग एप में डाल दिया। इसी तरह, 21 दिसंबर को कंचन इस्पात, 8 जनवरी को श्री हरि ट्रेडर्स (रायगढ़), और 10 जनवरी को मां मंगला इस्पात के लिए भेजी जाने वाली रकम भी हड़प ली।
रकम ट्रांसफर करने के बाद आरोपी अपने मोबाइल से सभी ओटीपी और ट्रांजेक्शन मैसेज डिलीट कर देता था ताकि कोई सबूत न बचे।
साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से पकड़ाया आरोपी, 58 लाख रुपये होल्ड
पुलिस ने साइबर सेल की मदद से आरोपी के बैंक खातों की जांच की, जिसमें पता चला कि उसने अलग-अलग छह खातों में कंपनी के 1.46 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। तकनीकी विश्लेषण के बाद जब आरोपी से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने पूरा अपराध कबूल कर लिया।
आरोपी के खिलाफ धारा 316(4) BNS, 66(D) आई.टी. एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसके बैंक खातों में जमा 58 लाख रुपये को होल्ड करा दिया है और आरोपी के कब्जे से 50,300 रुपये नकद, एक लैपटॉप, मोबाइल फोन, बैंक ट्रांजेक्शन के स्क्रीनशॉट, एटीएम कार्ड और चेक बुक जब्त कर ली गई है।
तीव्र जांच में पुलिस टीम की अहम भूमिका
एसपी दिव्यांग पटेल, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, डीएसपी अनिल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश मिश्रा, सहायक उप निरीक्षक विजय एक्का, जयराम सिदार, प्रधान आरक्षक लोमेश राजपूत, विनित तिर्की, आरक्षक अभिषेक द्विवेदी, ओम प्रकाश तिवारी और साइबर सेल के आरक्षक रविंद्र गुप्ता समेत थाना पूंजीपथरा एवं साइबर सेल की टीम ने इस जटिल मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई जिससे साजिश का पर्दाफाश हुआ।
ऑनलाइन गेमिंग से आर्थिक अपराधों का बढ़ता खतरा
इस घटना ने ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन के कारण बढ़ रहे आर्थिक अपराधों पर फिर से खतरनाक बताया है। एकाउंटेंट जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए आरोपी ने लाखों की हेराफेरी की और खुद को निर्दोष साबित करने के लिए झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई। पूंजीपथरा पुलिस की इस कार्रवाई से कंपनियों को भी सतर्क रहने की जरूरत है कि वे अपने वित्तीय लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखें और साइबर सुरक्षा को मजबूत करें।