Instead of vote politics, I will benefit the public through development politics:- OP
साफ सफाई, मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति सहित डेंगू मुक्त रायगढ़ महापौर जीवर्धन की प्राथमिकता

विकास के खातिर राजनीति में आया ना कि वोट मांगने – ओपी
शपथ ग्रहण के दौरान लोकतंत्र की प्रशंसा में कही बात बनी चर्चा का विषय..
विकास की राजनीति के जरिए आम जनता का जीवन स्तर बदलने की बात चौधरी ने दोहराई
रायगढ़ । शपथ ग्रहण समारोह के दौरान विधायक रायगढ़, वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ ओपी चौधरी ने जिस खूबसूरती से लोक तंत्र की तारीफ की , आम जनता में चर्चा का विषय बन गई है । 100 पेज का हस्तलिखित बजट पेश करने के बाद जीवर्धन चौहान के शपथ ग्रहण समारोह में ओपी चौधरी ने श्रोताओं को मनमोहक अंदाज में बांधे रखा। ऑडिटोरियम में पार्षदों के अलावा शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे। शहर के युथ आइकॉन समाज सेवी सुनील लेनध्रा भी बतौर अतिथि मंच पर मौजूद रहे। ऑडिटोरियम में खचाखच भरे दर्शक शपथ ग्रहण के बाद अपने लाडले विधायक ओपी को सुनने के लिए लालायित थे। ओपी चौधरी प्रदेश के पहले ऐसे नेता हैं जो अपनी शैली से आम जनता की खुद से कनेक्ट करने का हुनर बहुत अच्छे से जानते है। ओपी की साफगोई जनता को खूब भा रही है। विधान सभा चुनाव के बाद और निगम चुनाव के पहले ओपी ने जिस आक्रामक अंदाज में बैटिंग करते हुए विकास कार्यों के चौके , छक्के लगाए उससे विपक्ष के हौसले पस्त हो गए। सत्ता में रहने के बाद भी ओपी विपक्ष पर विकास नहीं करने का आरोप लगा रहे थे जबकि विपक्ष विधायक को घेरने का कोई अवसर नहीं खोज पाया है। ओपी ने बहुत ही अनोखे अंदाज से लोकतंत्र की खूबसूरती बयां करते हुए यह बताने की कोशिश की है कि विकास के लिए विरोध अनुचित है। अपने अतीत के विदेश दौरे का जिक्र करते हुए ओपी ने बताया कि विदेश में एक गाईड से उन्होंने सरकार के खिलाफ धरने के संबंध में पूछा तो बताया गया कि सरकार के खिलाफ धरने का वह मतलब ही नहीं जानता । गाइड ने ओपी से पूछा कि यह धरना क्या होता है तो उन्होंने बताया कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के विपक्ष को सरकार के निर्णय नीतियो के खिलाफ धरना देने या विरोध करने का अधिकार होता है इसलिए हमारा लोकतंत्र खूबसूरत है। दूसरी घटना का जिक्र करते हुए ओपी ने कहा उनके केला बाड़ी में कीटनाशक छिड़काव ना हो पाने को लेकर सवाल उठाए तो उन्हें बताया गया कि छिड़काव करने वाला छुट्टी पर है ।उन्होंने छुट्टी का कारण पूछा तो बताया गया कि वह पंच का चुनाव लड़ रहा है और वह चुनाव भी जीत गया यही हमारे देश के लोकतंत्र की खुबसूरती है कि वह एक मजदूर को भी चुनाव लड़ने ओर जीत कर सेवा करने का अधिकार देता है। आम जनता ऐसे जनप्रतिनिधि को दल, धर्म, जाति से परे देखती है जो हर पल उनके लिए समर्पित रहता है। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद सलीम नियरिया को इसकी मिशाल बताया।
वोट के लिए विकास नहीं बल्कि यह तो दायित्व है – ओपी
अगली बार मुझे वोट मिले इसलिए विकास कार्य नहीं कर रहा बल्कि ये एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि का दायित्व है कि वह सदैव जनता के लिए काम करता रहे। मेरा हर पल इसी दायित्व के लिए समर्पित है। जनता के विकास को लेकर कोई भी बाधा आ जाए सभी बाधाओं को पार करते हुए विकास कार्य नहीं रुकेंगे।
वोट देने का निर्णय जनता का होता है यह जनता तय करती है।मेरा मानना है कि वोटो की राजनीति से नहीं बल्कि विकास की राजनीति से जनता का जीवन स्तर बदलेगा ।
जनसेवा के कामों में धर्म जाति या दल बाधा नहीं – ओपी
जो भी निर्वाचित प्रतिनिधि जन सेवा को प्राथमिकता में रखते है उनकी जाति धर्म या दल मायने नहीं रखता। सातवीं बार विजयी कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद सलीम नियारिया का जिक्र करते हुए ओपी चौधरी ने कहा हराने के तमाम प्रयासों के बाद भी अंततः सलीम जीत गए । यह इस बात का प्रमाण है कि जन सेवा करने वाले को जनता धर्म जाति दल से ऊपर उठकर देखती है। अपने राजनीति में आने का उद्देश्य बताते हुए कहा वे विकास की राजनीति के जरिए आम जनता के जीवन स्तर में बदलाव करने कलेक्ट्री छोड़ कर राजनीति में आए है।
कलेक्टर अपने दम पर बने लेकिन वित्त मंत्री जनता ने बनाया
ओपी इस बात का जिक्र करना नहीं भूलते कि वे कलेक्टर अपने दम पर बने है लेकिन वित्त मंत्री वे रायगढ़ की जनता की बदौलत है। 65 वोटो से मिली जीत को वे जनता के ऊपर बड़े कर्ज के रूप में देखते है और विकास कार्यों के जरिए इस कर्ज को चुकाने के लिए दिन रात जुटे रहते है। उनकी व्यस्तता भी इस बात का प्रमाण है कि ओपी राजनीति में हर कार्य समय से एवं पूर्ण गुणवत्ता के साथ करना चाहते है।
पार्षद किसी भी दल का हो विकास कार्यों की कमी नहीं होगी
शपथ ग्रहण के दौरान ओपी ने सभी निर्वाचित पार्षदों को यह भरोसा दिलाते हुए कहा कि विकास कार्यों के लिए कोई कमी नहीं होगी। पार्षद चाहे किसी भी दल का हो जनता ने उसे विजयी बनाया है जनता का आदेश हमारे लिए शिरोधार्य रहेगा।
बजट में शामिल विकास कार्यों की सूची पढ़ते देख विपक्ष हतप्रभ
शपथ ग्रहण के दौरान ही जब वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बजट में शामिल विकास कार्यों की हनुमान के पूछ की तरह लंबी सूची पढ़नी शुरू की तो विपक्षी भौचक हुए बिना नहीं रह सके। चारों दिशा में रायगढ़ के प्रवेश द्वार में सड़को के चौड़ीकरण विद्युतीकरण सहित पुल पुलिया सड़क के दर्जनों विकास कार्यों की सूची पढ़ते पढ़ते ओपी ने अंत में कहा विकास कार्यों की सूची पढ़ने के एक घंटा लग जाएगा। राजनीति की पिच में ओपी ने विकास कार्यों का छक्का लगाकर विपक्ष की गुगली को बेअसर कर दिया।
सियासत में आने के बाद 29 सालो तक चाय बेचना राजनैतिक सुचिता का प्रमाण
ओपी ने कहा महापौर पद के लिए प्रत्याशी चयन के मामले में चाय बेचने वाले का चयन करना महत्पूर्ण नहीं बल्कि राजनीति में आने के बाद महत्वपूर्ण पदों में रहते हुए तीन दशकों तक चाय बेचना राजनीतिक सुचिता के प्रमाण के साथ साथ जमीनी कार्यकर्ता का यथोचित सम्मान भी है। राजनीति की आड़ में लोग क्या करते है , ये सभी जानते है लेकिन जीवर्धन चाय बेचकर भी परिवार पालता रहा । चाय वाले का और उसकी ऐतिहासिक राजनीति में ईमानदारी के आदर्शों के मापदंड की मजबूत नींव साबित होगी।
व्यस्तता के बाद भी विकास कार्यों का स्वयं निरीक्षण करने में विश्वास करते है ओपी
विकास कार्यों की गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूरा करना ओपी के विकास की राजनीति का पहला अध्याय है। विकास कार्यों के पहले वे स्वयं स्थल निरीक्षण कर तकनीक समस्याओं को समझते है। विकास कार्यों की शुरुआत के बाद वे स्वयं स्थल निरीक्षण कर कार्यों पर नजर रखते है।इसके पहले वे इतवारी बाजार में चल रहे ऑक्सीजन के निर्माण स्थल का मुआयना कर चुके वही शपथ ग्रहण के बाद नालंदा परिसर का स्थल निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए इसके पहले भी वे नालंदा परिसर का मुआयना कर चुके। कलेक्टर रहते हुए नक्सली क्षेत्रों में वे देर रात निर्माण कार्यों का मुआयना करते थे।
शपथ ग्रहण में जीवर्धन द्वारा राधे-राधे का गमछा पहनाया जाना चर्चा का विषय
शपथ ग्रहण के दौरान निर्वाचित महापौर जीवर्धन चौहान द्वारा विजयी 48 पार्षदों को राधे राधे का गमछा पहनाया जाना जन चर्चा का विषय बना हुआ है। ना केवल भाजपा, कांग्रेस, बसपा बल्कि निर्दलीय पार्षदों को भी जीवर्धन ने बड़ी आत्मीयता से राधे-राधे का गमछा पहनाया । सबसे बड़ी बात यह कि ये पार्षद हिन्दू मुस्लिम ईसाई सभी धर्म से जुड़े हुए है। सभी धर्म सहित सभी दलों के पार्षदों ने जीवर्धन के इस आत्मीय सम्मान को सहर्ष स्वीकार किया।