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रायगढ़ जिले में सुचारू तरीके से हुई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया

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Rationalization process was done smoothly in Raigarh district

03 और 04 जून को हुई काउंसलिंग

Ro.No - 13286/122

शिक्षकों ने काउंसलिंग में उपस्थित होकर किया शाला चयन

पहले दिन 523 शिक्षकों को दी गई पदस्थापना

दूसरे दिन 424 शिक्षकों की हुई काउंसलिंग

रायगढ़ / छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को अधिक सशक्त, संतुलित और गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण किए जाने की पहल की है, ताकि शिक्षक संसाधनों का अधिकतम और समान उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार सभी प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकेंडरी स्कूलों में दर्ज संख्या के मान से स्कूलों और शिक्षकों का समायोजन किया जाना था, शासन के निर्देशानुसार रायगढ़ जिले में भी सर्वप्रथम 553 स्कूलों को उच्चतर शालाओं में समायोजित किया गया, तत्पश्चात द्वितीय चरण में अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार कर सभी स्कूलो में सहायक शिक्षक, शिक्षक, प्रधान पाठक, व्याख्याताओं की अतिशेष सूची तैयार की गई। जिला समिति के अनुमोदन उपरांत अतिशेष शिक्षकों का काउंसलिंग किया जा रहा है। काउंसलिंग दो दिवस 03 जून 2025 को टी संवर्ग और 04 जून 2025 को ई संवर्ग के शिक्षकों के लिये रखी गई है। काउंसलिंग का कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी ने निरीक्षण का जायजा लिया। यहां जिला शिक्षाधिकारी श्री के.वेंकट राव व डिप्टी कलेक्टर श्री समीर बड़ा की उपस्थिति में शिक्षा विभाग द्वारा पूरी प्रक्रिया सुचारू तरीके से संपन्न की जा रही है।
प्रथम दिवस की काउंसलिंग जो टी संवर्ग के लिये आयोजित थी, इसमें प्राथमिक शाला में 02 प्रधानपाठक, सहायक शिक्षक विज्ञान 03 सहायक शिक्षक 348 शिक्षकों की काउंसलिंग की गई। जिसमें 346 सहायक शिक्षक उपस्थित होकर उन्होंने अपने लिये शाला का चयन किया। प्राथमिक शाला में 07 सहायक शिक्षक अनुपस्थित रहे। माध्यमिक शाला में 01 प्रधान पाठक और 93 उच्च वर्ग शिक्षकों की काउंसलिंग आयोजित की गई जिसमें 89 शिक्षक उपस्थित रहे एवं 05 अनुपस्थित रहे। हायर सेकेंडरी स्कूलों की अंतर्गत विभिन्न विषय की व्याख्याता में 76 व्याख्याता अतिशेष पाए गए थे जिसमें 74 व्याख्याता काउंसलिंग में उपस्थित रहे, 02 व्याख्याता अनुपस्थित रहे। इस तरह 03 जून को 523 व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षक जो अतिशेष घोषित किये गये थे उसमें 509 ने अपने लिए जिला द्वारा निर्धारित स्कूलों का चयन किया। काउंसिलिंग में 14 व्याख्याता एवं शिक्षक जो अनुपस्थित रहे उन्हें प्रशासनिक आधार पर जिला से दर्शित स्थान में शेष स्थानों पर पदस्थापना प्रदान कर दी गई।

काउंसलिंग के दूसरे दिन विभिन्न विषयों के 19 व्याख्याता जिनको अतिशेष माना गया था, उसमें से 18 व्याख्याता उपस्थित रहे, 01 व्याख्याता अनुपस्थित रहे। माध्यमिक शाला के विभिन्न विषयों में 60 शिक्षकों को अतिशेष माना गया था जिसमें से 59 शिक्षक उपस्थित रहे 01 शिक्षक अनुपस्थित है। सहायक शिक्षक विज्ञान में एक सहायक शिक्षक, प्राथमिक शाला प्रधान पाठक में तीन शिक्षक अतिशेष रहे जिसमें से सभी शिक्षकों ने अपना स्थल चयन किया। सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला की कुल 345 शिक्षक अतिशेष है जिनकी काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है, समाचार लिखे जाने तक इनमें से 295 शिक्षकों की काउंसलिंग पूरी की जा चुकी है।
युक्तियुक्तकरण के लाभ

शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयों में अतिशेष शिक्षकों की तैनाती संभव होगी। अतिरिक्त शिक्षक की उपलब्धता बढ़ेगी। स्थापना व्यय में कमी आएगी। एक ही परिसर में पढ़ाई की निरंतरता से बच्चों के ड्रॉपआउट में कमी आएगी। छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास शिक्षकों के संसाधनों का बेहतर और समान वितरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक दूरदर्शी एवं व्यावहारिक कदम है। इससे न केवल शालाओं की कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ भी सुलभ रूप से प्राप्त होगा।

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