97 students of teacherless Baturakachar school got 4 teachers through rationalization
पालकों ने कहा: बच्चों के बुनियादी सालों को लेकर बंधी उम्मीद

युक्तियुक्तकरण के बाद बदलेगी शिक्षकविहीन स्कूलों की तस्वीर
रायगढ़ /रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड के दूरस्थ छोर पर बसा गांव है बटुराकछार। यहां के प्राथमिक शाला में 97 बच्चे अध्ययनरत हैं, और शिक्षक सिर्फ एक, वह भी किसी दूसरे स्कूल से व्यवस्था में यहां आकर पढ़ा रहे थे। युक्तियुक्तकरण के बाद अब यहां 4 शिक्षक पदस्थ हो गए हैं। गांव के इतवार दास महंत ने बताया कि उनका बेटा टिकेश्वर इस साल दूसरी कक्षा में गया है। एक शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा था। इससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही थी। स्कूल में ढंग से पढ़ाई नहीं होने से घर में भी बच्चे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे। बच्चों की पढ़ाई लिखाई की मजबूत बुनियाद के लिए स्कूल के शुरुआती साल काफी अहम होते हैं। बिना शिक्षक के बच्चों का यह महत्वपूर्ण समय ऐसे ही व्यर्थ निकल रहा था। लेकिन अब 4 शिक्षकों के आने से यहां पढ़ाई लिखाई बेहतर होगी। उन्होंने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को शैक्षणिक वातावरण सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
गांव के शाखाराम राठिया ने कहा कि शिक्षकों के आने से गांव के बच्चों के लिए बेहद खुशी है। उनका बेटा तुलेश भी तीसरी कक्षा का छात्र है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की पदस्थापना के लिए हम लंबे समय से प्रयास कर रहे थे। पालकों ने सुशासन तिहार में आवेदन की योजना बनाई थी। लेकिन किसी कारणवश आवेदन नहीं कर पाए थे। लेकिन मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से गांव में शिक्षकों की कमी दूर कर दी है। यहां व्यवस्था में पढ़ा रहे सिर्फ एक शिक्षक के अवकाश पर जाने से पूरे स्कूल को बंद करने की जो नौबत आती थी। अब ऐसा नहीं होगा, बच्चों की नियमित कक्षाएं लग सकेंगी। बच्चे शुरुआती सालों में पढ़ाई लिखाई से न सिर्फ अपने शैक्षणिक स्तर को बढ़ाते हैं, बल्कि जीवन में अनुशासन का महत्वपूर्व पाठ भी सीखते हैं। इस लिहाज से भी शिक्षकों की पदस्थापना और रोजाना स्कूल में कक्षाएं लगना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से जिले के कई स्कूलों में पढ़ाई लिखाई फिर से गुलज़ार होने जा रही है। जिले के 21 ऐसे स्कूल की कक्षाएं जहां विद्यार्थी तो थे लेकिन उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं, ऐसे स्कूल इस सत्र से अब नए शिक्षकों के साथ फिर से कक्षाएं लगाने को तैयार हैं। 03 और 04 जून को जिले में पूरे हुए युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से इन सभी स्कूलों को शिक्षक मिल गए हैं। जहां पहले एक भी शिक्षक नहीं थे वहां अब शिक्षकों की पोस्टिंग हो गई है। ज्यादातर स्कूल दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। यहां अब शिक्षकों की पदस्थापना होने से पालकों को अपने बच्चों के बुनियादी सालों को लेकर उम्मीद बंधी है।