Big decision of High Court, shock to Muslim side from HC, both petitions rejected, worship will continue in Vyas ji basement of Gyanvapi
ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष की पूजा को जारी रखने का आदेश दिया है.

इससे पहले वाराणसी जिला अदालत ने भी इस मामले में हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ ही मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा था. हालांकि, यहां से भी मुस्लिम पक्ष को निराशा ही हाथ लगी और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदुओं की पूजा का अधिकार सुरक्षित रखा. हालांकि, मुस्लिम पक्ष के पास अभी सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है और संभवत: अब मुस्लिम पक्ष का अगला कदम सुप्रीम कोर्ट ही होगा.
किसने क्या कहा था?
जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी व यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने पक्ष रखा था. काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता विनीत संकल्प ने दलीलें पेश की थीं. मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने व्यास जी तहखाने में पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने के जिला जज वाराणसी के फैसले को चुनौती दी थी
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज के 17 जनवरी और 31 जनवरी 2024 के फैसले को चुनौती दी है. जिला जज ने 31 जनवरी को तहखाना में पूजा शुरू कराए जाने का आदेश दिया था.
जिला जज के आदेश पर उसी दिन देर रात तहखाने को खोलकर पूजा अर्चना शुरू करा दी गई थी. हाईकोर्ट ने जिला जज के आदेश पर रोक नहीं लगाई थी जिसके चलते जिला कोर्ट के आदेश के तहत व्यास जी तहखाने में पूजा अर्चना हो रही है.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वाराणसी जिला जज ने जो पूजा करने का आदेश दिया था, वह जारी रहेगा. ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘इलाहबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इसका मतलब है कि जो पूजा चल रही थी, वह वैसे ही चलती रहेगी. अगर वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम भी वहां अपनी बात रखेंगे.’
क्या है व्यास जी का तहखाना: बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में चार तहखाने हैं, जिनमें से एक अभी व्यास परिवार के कब्जे में है जो यहां रहते थे. उसे ही व्यास जी का तहखाना कहा जाता है. व्यासजी का तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में दक्षिण की तरफ स्थित है. पुजारी सोमनाथ व्यास 1993 तक वहां पूजा-अर्चना करते थे. फिर तत्कालीन सरकार के निर्देश पर अधिकारियों ने तहखाने को बंद कर दिया. इसके बाद से वहां पूजा नहीं हो रही