● *मामले में एक अन्य आरोपी महान मिश्रा को पूर्व में ही किया जा चुका है गिरफ्तार*
● *आरोपियों द्वारा धनाढ्य वर्ग कें लोगो को सेक्स रैकेट, बलात्कार के मामले में फंसाने के नाम पर भयादोहन कर करते थे पैसे की मांग*
● *संपूर्ण गिरोह बहुत ही सुनियोजित तरीके से करता था काम, सभी सदस्यों के काम का बंटवारा कर सब निभाते थे अपनी-अपनी अलग भूमिका*
● *आरोपी मोंटी ऊर्फ प्रत्युस मरईया से घटना में प्रयुक्त स्कुटी क्रमांक CG22 V 7598 को किया गया जप्त*
● *आरोपीगण से उगाही के पैसे से खरीदे हुए 05 सोने की अंगुठी एवं एक चांदी का पायल को भी किया गया जप्त*
● *अभी तक की जाँच में गिरोह द्वारा भयादोहन कर 41 लाख रुपए की, की गई है वसूली*
● *गिरोह के मास्टरमाइंड एवं सरगना शिरीष पांडे, पुष्पमाला फेकर है फरार, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की पांच टीमों द्वारा संभावित ठिकानों पर दी जा रही है लगातार दबिश*
सौरभ बरवाड़@बलौदाबाजार- थाना सिटी कोतवाली के अपराध क्र. 250/2024 धारा 384,389,34 भादवि के प्रकरण की जांच में *पीड़ित पक्ष के लोगों से विस्तृत पूछताछ की गई है, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि मुख्य सरगना शिरीष पांडे, मंजूलता फेकर, मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया, दुर्गा टंडन, महान मिश्रा व अन्य आरोपियों द्वारा महिलाओं को पीड़ितों के घर में भेजा जाता था तथा उसके पश्चात पीड़ितों द्वारा बिना कोई अपराध किये, उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर, दबावपूर्वक, अपराधिक षड्यंत्र करते हुए, मोटी रकम उगाही की जाती* थी। ऐसे मामले संज्ञान में आने पर जांच तस्दीक़ कर अपराध पंजीबद्ध करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय श्री सदानंद कुमार के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अविनाश ठाकुर के मार्गदर्शन में विवेचना कार्यवाही में लिया गया। *प्रकरण में अब तक कुल 04 आरोपियों को पकड़ा गया है, जिनसे पूछताछ पर बलौदाबाजार शहर में भयादोहन कर लाखों रुपए की वसूली करने वाले एक गिरोह का भांडाफोड़ किया* गया है।
इस गिरोह द्वारा बहुत ही *सुनियोजित तरीके से बलौदाबाजार शहर एवं आसपास के धनाढ्य एवं विभिन्न शासकीय एवं प्राइवेट सेवाओं से सेवानिवृत्त हुए लोगों को अपने झांसे में लिया जाता था तथा उन्हें महिला संबंधी अपराध में फंसाने एवं लोक-लाज का भय दिखाकर लाखों रुपए की मोटी रकम वसूली की जाती* थी। यह गिरोह *बहुत ही शातिर तरीके से अपने काम को अंजाम देता था तथा गिरोह के सभी सदस्यों के मध्य काम का बंटवारा करते हुए सभी सदस्य अपनी अलग-अलग भूमिका* निभाते थे। गिरोह का मुख्य *सरगना एवं मास्टर माइंड शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर है, जो कि अभी फरार है जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा लगातार प्रयास किया जा* रहा है। श्रीमती निधि नाग एसडीओपी बलौदाबाजार एवं निरीक्षक अजय झा थाना प्रभारी सिटी कोतवाली के नेतृत्व में पुलिस की विवेचना, पूछताछ, जांच करवाई में गिरोह के सदस्यों एवं संपूर्ण प्रकरण के संबंध में अब तक की जांच बिंदु कुछ इस प्रकार है-
*मुख्य सरगना एवं मास्टरमाइंड शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर*- इन दोनों आरोपियों द्वारा ही बलौदाबाजार नगर में धनाढ्य एवं अन्य लोगों को चिन्हित किया जाता था, उसके पश्चात शिरीष पांडे द्वारा अपनी राजनीतिक पहुंच एवं पहचान का प्रभाव दिखाते हुए उनसे मेलजोल बढ़ाकर, उनको लडकी उपलब्ध करने का झांसा दिया जाता था। तत्पश्चात गिरोह के सभी सदस्यों को एक्टिव कर प्रार्थी क़ो भयादोहन कर प्रार्थी से लाखों रूपये की वसूली की जाती थी।
*मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया एवं दुर्गा टंडन*- दोनों आरोपी लोकल बलौदाबाजार के निवासी होने के कारण टारगेट पॉइंट (प्रार्थी) से मिलने एवं उन्हें फंसाने के लिए आने वाली लड़कियों के बलौदाबाजार शहर में रहने, खाने एवं अन्य सुविधाओं का इंतजाम करते थे। तत्पश्चात उस टारगेट से लड़की के मिलने के बाद, उस लड़की को महिला संबंधी अपराध का प्रार्थी बनाते हुए थाने में रिपोर्ट करने के लिए ले जाने का नाटक किया करते थे। इस दौरान यह दोनों आरोपी उस लड़की के रिश्तेदार बनकर सामने प्रस्तुत हुआ करते थे।
*हीराकाली* – यह प्रकरण की एक अन्य आरोपी है, जो कि टारगेट को फंसाने के लिए लड़की का इंतजाम करती थी। यही गिरोह से संपर्क के माध्यम से लड़कियों को बुलाकर टारगेट के पास भेजती थी।
*पत्रकार आशीष शुक्ला*- यह आरोपी पत्रकारिता की आड़ में बहुत ही शातिर तरीके से टारगेट को धमकाने के लिए उसका यह कृत्य न्यूज एवं प्रेस के माध्यम से लोगों तक पहुंचा दिया जाएगा, इस प्रकार का लोक-लाज का भय दिखाकर वसूली करने का काम करता था। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी आशीष शुक्ला द्वारा एक प्रार्थी से ₹1,25,000 का मांग किया गया था, जिसमें प्रार्थी द्वारा ₹75000 का भुगतान, इसके दुकान में स्वयं जाकर किया था।
*महान मिश्रा*- यह पेशे से अधिवक्ता है तथा अपनी पहुंच एवं पहचान का रौब दिखाकर उगाही की गई रकम को संभालने एवं आपस में बंटवारा करने का काम करता था।
*वारदात का तरीका*- गिरोह द्वारा धनाढ्य एवं रिटायर्ड कर्मीयों को टारगेट किया जाता था, फिर टारगेट सेट कर उससे मिलजुल बढ़ाते हुए टारगेट से महिला को मिलाने का दिन एवं समय फिक्स किया जाता था। तत्पश्चात महिला उस टारगेट से मिलने जाती थी। इस दौरान गिरोह के सदस्यों द्वारा महिला के घर/रूम के अंदर जाने एवं घर/रूम के बाहर आने का फोटो ले लिया जाता था, फिर इसी फोटो के माध्यम से उस टारगेट को भयादोहन करने का सिलसिला प्रारंभ किया जाता था। गिरोह द्वारा टारगेट को महिला संबंधी अपराध में फंसा देने, इसका न्यूज़ बनाकर मीडिया में वायरल कर देने एवं लोक-लाज का भय दिखाते हुए धमकाया जाता था। फिर टारगेट मायूस एवं दुखी होकर गिरोह की मांग के अनुसार रुपए गिरोह के सदस्यों को दे देता था। इस प्रकार गिरोह बहुत ही शातिर तरीके से घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहा था।
आरोपीगण के मेमोरंडम कथन के अनुसार उगाही की गई मोटी रकम को सभी आपस में बांटते थे। अभी तक की जांच एवं विवेचना में गिरोह द्वारा विभिन्न लोगों से लगभग 41 लाख रुपए तक की वसूली किए जाने का मामला प्रकाश में आया है ।प्रकरण के आरोपीगण को गिरफ्तार कर ज्युडिशियल रिमांड पर भेजा गया है तथा *प्रकरण के अन्य फरार आरोपी पुष्पमाला फेकर, हीराकली बंजारे, आशिष शुक्ला, शिरिस पांडे का पता तलाश पुलिस की पांच अलग-अलग टीमों के माध्यम से किया जा रहा है ।
नाम आरोपीगण –
1. दुर्गा टंडन पति प्रत्यूष उर्फ मोंटी मरईया उम्र 30 साल डॉक्टर अब्दुल कलाम वार्ड बलोदाबाजार
2. मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरईया पिता प्रताप मरईया उम्र 28 साल साकिन अब्दुल कलाम वार्ड बलौदाबाजार
3. रवीना टंडन पिता कामता टंडन उम्र 22 साल पता दगौरी थाना बिल्हा जिला बिलासपुर
ऐसे प्रकरणों में अन्य पीड़ित, जिनको डराकर, धमकाकर, पैसा वसूली की गई है, वह भी थाना सिटी कोतवाली आकर, अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है।