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कैफे विस्फोट: हिंदू नाम रखकर ठहरे थे आरोपी, हिंदू नामों से बना रखे थे फर्जी पहचान पत्र, बेंगलुरु ब्लास्ट के आरोपी, ऐसे खुला राज

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Cafe blast: The accused had stayed with Hindu names, had made fake identity cards with Hindu names, the accused in the Bengaluru blast, this is how the secret was revealed

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रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में 42 दिनों की जांच के बाद, शुक्रवार को पश्चिम बंगाल से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों में मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन ताहा का नाम है. सूत्रों ने कहा, दोनों केवल गेस्टहाउस और निजी लॉज में रुके थे जहां वेरिफिकेशन नहीं किया जाता है.

सूत्रों ने कहा कि ‘यह ख़ुफ़िया एजेंसियों  के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है. उन्होंने 42 दिनों तक एक पैटर्न का पालन किया जिस पर एजेंसियां नज़र रख रही थीं.’ बाद में एक अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को दोनों व्यक्तियों की तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड दी. आरोपी कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाला है. अधिकारियों ने कहा कि शाजिब ने कैफे में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (ID) रखा था और ताहा विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का मास्टरमाइंड था.

मीडिया को पता चला है कि कोलकाता दो जगह ये लोग रुके औऱ दोनों जगह फर्जी पहचान पत्र के जरिये हिंदू बनकर रूम लिया. शाज़ेब ने युशा शाहनवाज पटेल नाम का एक नकली आधार कार्ड इस्तेमाल किया और खुद को पालघर, महाराष्ट्र से होने का दावा किया. ताहा ने खुद को एक स्थान पर कर्नाटक का विग्नेश बीडी और दूसरे स्थान पर अनमोल कुलकर्णी बताया और इसी नाम की आईडी दिखाई. दूसरे होटल में उन्होंने अपना नाम झारखंड और त्रिपुरा के संजय अग्रवाल और उदय दास बताया.

नई CCTV फुटेज आई सामने

शाजिब और ताहा की गिरफ्तारी के एक दिन बाद दोनों आरोपियों का नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. दोनों को एक गेस्ट हाउस में चेक करते देखा जा सकता है, जो कि कोलकाता के एकबालपुर में स्थित है. शाजिब और ताहा ने 25 मार्च को इस गेस्ट हाउस में चेक इन किया और तीन दिनों तक वहां रुके. उन्होंने कर्मचारियों को बताया था कि वे कर्नाटक और महाराष्ट्र के पर्यटक हैं.

हिंदु नाम का किया इस्तेमाल

बेंगलुरु कैफे विस्फोट के पीछे का मास्टरमाइंड कहे जाने वाले अब्दुल मथीन ताहा ने आवास के लिए विभिन्न स्थानों पर उपनाम के रूप में हिंदू नामों का भी इस्तेमाल किया था. यहां तक कि आरोपी के लिए वांटेड पोस्टर में भी लिखा था कि ‘वह हिंदू पहचान दस्तावेजों का उपयोग कर रहा है. गिरफ्तारी से पहले दोनों पिछले चार दिनों से न्यू दीघा के एक लॉज में रह रहे थे. उन्होंने बंगाल में कई स्थान बदल लिये थे.

शाजिब ने कोलकाता के दो होटलों में महाराष्ट्र के पालघर के यशा शाहनवाज पटेल के फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था. जबकि ताहा ने एक होटल में कर्नाटक के विग्नेश बीडी और दूसरे में अनमोल कुलकर्णी जैसे नकली नामों का इस्तेमाल किया था. रिपोर्ट के अनुसार, फिर दूसरे होटल में, उन्होंने क्रमशः झारखंड और त्रिपुरा के रहने वाले संजय अग्रवाल और उदय दास की पहचान ली.

फुटेज में दोनों चेकइन करते दिखे

शाजिब और ताहा की गिरफ्तारी के एक दिन बाद दोनों का एक नया सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. यह फुटेज कोलकाता के एकबालपुर का है और दोनों एक गेस्ट हाउस में चेकइन करते दिख रहे हैं. शाजिब और ताहा ने 25 मार्च को इस गेस्ट हाउस में चेक इन किया था और तीन दिनों तक वहां रुके थे. उन्होंने कर्मचारियों को बताया था कि वे कर्नाटक और महाराष्ट्र के पर्यटक हैं.

बातचीत के लिए क्षेत्रीय भाषा का करते थे इस्तेमाल

होटल के रिसेप्शनिस्ट अशरफ अली ने मीडिया को बताया कि वे 25 मार्च को यहां आए और अपना पहचान पत्र दिखाया और हमने उन्हें एक कमरा दे दिया. उन्होंने 28 मार्च को होटल से चेकआउट किया. जब मीडिया अधिकारी पहुंचे, तो उन्होंने एंट्री रजिस्टर देखकर जांच शुरू की. अशरफ अली ने बताया कि हम होटल के अंदर खाना नहीं देते इसलिए वो दोनों बाहर खाना खाने जाते थे. दोनों एक-दूसरे से बातचीत करने के लिए अपनी क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल करते थे.

 

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