Top in BA: Father wanted to make Vidhu Vinod Chopra a doctor, while he had topped in BA. Know- how to reach FTII
विक्रांत मैस्सी अभिनीत फिल्म 12वीं फेल ने हाल ही में सिल्वर जुबली मनाई है। फिल्म के निर्माता निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा हैं, जो इससे पहले थ्री इडियट्स और मुन्ना भाई एमबीबीएस जैसी फिल्मों के निर्माता रहे हैं। उन्होंने भी काफी पापड़ बेले हैं। डायरेक्टर को बनाना चाहते थे डॉक्टर विधु विनोद चोपड़ा सिनेमा के बेहतरीन डायरेक्टर्स में शुमार हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह इंडस्ट्री में जायें। उनके पिता चाहते थे कि विधु एक डॉक्टर बनें।
सिर्फ ढाई सवालों के जवाब ही दिए थे। उसमें मेरे 58 प्रतिशत अंक आए थे। मुझे मेडिकल में दाखिला नहीं मिला। मैंने उसकी जगह बीए करने की योजना बना रखी थी, क्योंकि पुणे स्थित फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिले के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। बीए में विधु विनोद ने किया था टॉप 12वीं फेल के डायरेक्टर ने आगे कहा, मैंने अर्थशास्त्र में स्नातक किया और यूनिवसिर्टी में टॉप किया। टॉप करने के पीछे एक मात्र वजह यह थी कि मुझे 250 रुपये की छात्रवृत्ति मिलनी थी। उन रुपयों के साथ मैं पुणे स्थित फिल्म इंस्टीट्यूट गया। पर…

डायरेक्टर को बनाना चाहते थे डॉक्टर
विधु विनोद चोपड़ा सिनेमा के बेहतरीन डायरेक्टर्स में शुमार हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह इंडस्ट्री में जायें। उनके पिता चाहते थे कि विधु एक डॉक्टर बनें। एक कार्यक्रम में विधु ने बताया, “जब मैं बड़ा हो रहा था, तो मेरे पिता चाहते थे कि मैं डाक्टर बनूं, लेकिन तब कश्मीर में आप अपने पिता से नहीं कह सकते थे कि आप डाक्टर नहीं बनना चाहते हैं।”
मेडिकल से ऐसे छुड़ाया पीछे
विधु विनोद चोपड़ा ने बताया कि मेडिकल से पीछा छुड़ाने के लिए उन्होंने कौन सा तिकड़म अपनाया था। बकौल डायरेक्टर, “मैंने प्री मेडिकल परीक्षा में पांच सवालों की बजाए सिर्फ ढाई सवालों के जवाब ही दिए थे। उसमें मेरे 58 प्रतिशत अंक आए थे। मुझे मेडिकल में दाखिला नहीं मिला। मैंने उसकी जगह बीए करने की योजना बना रखी थी, क्योंकि पुणे स्थित फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिले के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है।”
बीए में विधु विनोद ने किया था टॉप
12वीं फेल के डायरेक्टर ने आगे कहा, “मैंने अर्थशास्त्र में स्नातक किया और यूनिवसिर्टी में टॉप किया। टॉप करने के पीछे एक मात्र वजह यह थी कि मुझे 250 रुपये की छात्रवृत्ति मिलनी थी। उन रुपयों के साथ मैं पुणे स्थित फिल्म इंस्टीट्यूट गया। पर मेरे पिता खुश नहीं हुए।”
ऑस्कर में पहली फिल्म नॉमिनेट होने पर पिता का रिएक्शन
विधु ने बताया कि जब उनकी पहली शॉर्ट फिल्म ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई थी तो उनका क्या रिएक्शन था। डायरेक्टर ने कहा, “1979 में जब मेरी शार्ट फिल्म (एन एनकाउंटर विद फेसेस) ऑस्कर के लिए नामांकित हुई। पिताजी को बताया। उन्होंने कहा शाबाश कितने पैसे मिलेंगे? मैंने कहा पैसे नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि खुश क्यों हो रहे हो?”