#readerfirst Bajrang Dal compared the Chhattisgarh government to Ravana, said – If the CM has the power, then try banning it
कर्नाटक में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करने और बजरंग दल पर बैन लगाने को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत गरमाई हुई है। जरूरत पड़ने पर बजरंग दल पर बैन लगाने के सीएम भूपेश बघेल के बयान पर बजरंग दल ने निशाना साधा है।
कर्नाटक में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करने और बजरंग दल पर बैन लगाने को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत गरमाई हुई है। जरूरत पड़ने पर बजरंग दल पर बैन लगाने के सीएम भूपेश बघेल के बयान पर बजरंग दल ने निशाना साधा है। बजरंग दल ने छत्तीसगढ़ सरकार की तुलना रावण से की है। संगठन ने कहा कि सीएम के पास बजरंग दल को बैन करने की ताकत नहीं है। यदि है, तो बैन लगाकर देख लें। उनके बयान के विरोध में बजरंग दल 6 मई को पूरे प्रदेश के बजरंग बली मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करेगा।
बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की इस बयान की वह घोर निंदा करते हैं। मुख्यमंत्री का बयान घोर आपत्तिजनक और अलोकतांत्रिक है। सन 2011 जब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी तब पार्टी के प्रमुख सलाहकार केएम नारायण ने गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मंगाई थी। रिपोर्ट के आधार पर सोनिया गांधी ने बजरंग दल पर बैन लगाने से मना किया था। बजरंग दल शुद्ध रूप से हिंदू सनातन धर्म और राष्ट्र हित में काम करने वाला धार्मिक संगठन है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मार्गदर्शन और नियमों के अनुसार काम करता है। बजरंग दल चेतावनी देते हुए कहा कि बैन लगाने की स्थिति में कांग्रेस को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कहा कि राम भक्त बजरंग बली की शक्ति को तीनों लोक का विजेता रावण भी नहीं रोक पाया था, तो आज के लोग क्या रोक पाएंगे। कर्नाटक चुनाव में हिंदू समाज और बजरंग दल की बात करने वाली पार्टी को विधानसभा चुनाव में जनता सबक सिखाएगी। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ में हो रहे अंधाधुंध धर्मांतरण पर रोक लगाएं। लव जिहाद और भूमि जिहाद पर रोक लगाएं। सीएम हनुमान जी की पूंछ में आग लगाकर लंका दहन की न सोचें, नहीं तो लंका दहन होने से कोई नहीं रोक पाएगा।