(Development of Pusaur College is being done by local public consciousness and public participation)
रायगढ़ । जिले के पुसौर अंचल में स्थित विष्णुचरण गुप्ता शासकीय महाविद्यालय पूरे क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर रहा है । महाविद्यालय की स्थापना के साथ ही अध्ययन-अध्यापन के अतिरिक्त स्थानीय जन चेतना का उसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान देखा जा सकता है । महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 2014 में हुई । तब से लेकर आज तक महाविद्यालय को लगातार इस क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों का सहयोग तन – मन – धन से प्राप्त होता रहा है I
दान देने की परंपरा पुरातन काल से हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रही है I इसी कड़ी में विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए माननीय रितेश थवाईत , अध्यक्ष , नगर पंचायत पुसौर के कुशल मार्गदर्शन में महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष एवं पार्षद किशोर कसेर , जनभागीदारी सदस्या एवं पार्षद श्रीमती उमा गुप्ता द्वारा दो उच्च गुणवत्ता वाला वाटर कूलर मय फ़िल्टर सहित महाविद्यालय को दान में प्रदान किया गया l वाटर कूलर वोल्टास कंपनी का एवं फ़िल्टर हैवेल्स कंपनी का है I इसका तत्कालिक लाभ इस ग्रीष्मकालीन परीक्षा अवधि में विद्यार्थियों को अमृत रूपी शीतल जल के रूप में मिलेगा l दीर्घकालीन लाभ के रूप में महाविद्यालय में अध्ययनरत 600 से अधिक विद्यार्थियों और शिक्षकों को इसका लाभ मिलता रहेगा ।
महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने इस अत्यंत उपयोगी वाटर कूलर के प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है और दानदाताओं को कोटिशः धन्यवाद ज्ञापित किया है I महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एस.एल.सोनवाने ने हार्दिक प्रसन्नता एवं आभार व्यक्त किया है I महाविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ सरोज कुमार, सहा. प्राध्यापक रसायन शास्त्र एवं जनभागीदारी प्रभारी श्रीबच्छ भोय , सहा.प्राध्यापक हिंदी द्वारा भविष्य में सहयोग की अपेक्षा व्यक्त करते हुये महाविद्यालय परिवार की ओर से सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया गया l महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष द्वारा महाविद्यालय की आवश्यकता अनुरूप भविष्य में भी सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया गया l इस संक्षिप्त कार्यक्रम में जनभागीदारी समिति के सदस्य माननीय मुकेश महाणा , महाविद्यालय के प्राध्यापक विजय कुमार कांटे , बालमुकुन्द पटेल एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही I