#readerfirst Have done more than 150 encounters; Criminals tremble in the name of Amitabh Yash, had ended Dadua’s terror
नई दिल्ली :-डेस्क। माफिया अतीक अहमद का बेटे असद के लिए गुरुवार का दिन ‘आखिरी’ साबित हुआ। उत्तर प्रदेश की विशेष कार्य बल (STF) ने झांसी में हुए एनकाउंटर में असद और गुलाम को मार गिराया। इन लोगों के पास के विदेशी हथियार भी बरामद हुए, लेकिन माफिया अतीक के बेटे के एनकाउंटर की सूचना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई।
इस बीच सोशल मीडिया में एक और नाम तेजी से वायरल होने लगा। दरअसल, यूपी एसटीएफ की चौतरफा सराहना हो रही थी, लेकिन सबसे ज्यादा बधाईयां यूपी एसटीएफ के प्रमुख अमिताभ यश की हो रही थी। जिनकी देखरेख में एसटीएफ ने असद को मार गिराया।
ऐसे में हम आपको अमिताभ यश से जुड़ी कई रोचक कहानियां बताएंगे और यह समझाएंगे कि आखिर अपराधी उनके नाम से थर-थर क्यों कांपते हैं ? साथ ही जानेंगे कि बुंदलेखंड के जंगलों से उन्होंने किस प्रकार डाकुओं का आतंक समाप्त किया था।
माफिया अतीक अहमद का बेटे असद अहमद का यूपी एसटीएफ ने झांसी में एनकाउंटर कर दिया। जिसको लेकर यूपी एसटीएफ की चौतरफा तारीफ हो रही है। ऐसे में यूपी एसटीएफ के प्रमुख अमिताभ यश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाईयां दी हैं।
कौन हैं अमिताभ यश?
बिहार में भोजपुर जिले के रहने वाले अमिताभ यश को विरासत में अपराधियों से निपटने गुर मिले हैं। 1996 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ यश के पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अधिकारी थे। उनके पिता बिहार कैडर के अधिकारी थे और उन्हीं को देखकर यूपी एसटीएफ के एडीजी को अफसर बनने की प्रेरणा मिली।
दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से शिक्षा ग्रहण करने के बाद अमिताभ यश ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण की और आईपीएस अधिकारी बन गए। इसके बाद उन्हें बतौर कप्तान संतकबीरनगर की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद उन्होंने बाराबंकी महाराजगंज, हरदोई, जालौन, सहारनपुर, सीतापुर, बुलंदशहर, नोएडा और कानपुर जैसे शहरों में बतौर एसपी और एसएसपी अपनी सेवाएं दीं। र यूपी एसटीएफ के एडीजी को अफसर बनने की प्रेरणा मिली।
उस समय अमिताभ यश ने बुंदेलखंड के जंगलों में अपना ठेरा जमाया हुआ था। जिसकी बदौलत एसटीएफ ने ददुआ को मार गिराया था। हालांकि, ददुआ के खात्मे से बौखलाए ठोकिया गैंग ने एसटीएफ पार्टी पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद अमिताभ यश ने ‘ऑपरेशन ठोकिया’ चलाने का निर्णय लिया और उनकी टीम ने ठोकिया को भी मार गिराया था।
अगर अपराधियों को सही रास्ते पर वापस लाना हो या फिर उनके साम्राज्य को तबाह करना हो, तो फिर अमिताभ यश को ही याद किया जाता है। भले ही प्रदेश में किसी की भी सरकार हो। अतीक अहमद को लेकर एक मीम सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा था और लोग मजे ले रहे थे कि कहीं विकास दुबे की तरह अतीक अमहद की भी गाड़ी न पलट जाए। हालांकि, कानपुर के कुख्यात बदमाश विकास दुबे का खात्मा अमिताभ यश की टीम ने ही किया था।