#readerfirst Here the chairs rotate, the sky is visible through the glass roof, is it a train or a house of magic?
भारत में एक ऐसी ट्रेन है, जिसका सफर रोमांचक, अनोखा और दिलचस्प होता है. इस ट्रेन की खूबसूरती सबसे हटके है. इसकी कई ऐसी खासियत हैं, जिसकी तारीफ आनंद महिंद्रा जैसी बड़ी हस्तियां भी कर चुकी हैं.
आप आए दिन ट्रेन से सफर करते होंगे. कई ट्रेनों में सफर का आपका भी अनुभव रहा होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसी ट्रेन के बारें में बताने जा रहे हैं, जिसकी खूबियां के बारें में न आपने कभी सुना होगा, ना ही कल्पना की होगी. ऐसी ट्रेनें विदेशों में अक्सर देखने को मिल जाती हैं. लेकिन एक ट्रेन भारत में भी ऐसी ही है. जिसकी अंदर की खूबसूरति बाहर के नजारों को भी फेल कर देती है. यह इतनी आकर्षक है कि विदेश से भी लोग इसके सफर को एंजॉय करने आते हैं. आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) जैसी बड़ी हस्ती भी इस ट्रेन की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए हैं. आइए जानते हैं इस यूनिक ट्रेन के बारें में….
हम जिस ट्रेन की बात कर रहे हैं, उसका नाम है डेक्कन क्वीन (Deccan Queen Train)…यह ट्रेन महाराष्ट्र के पुणे में चलती है. ट्रेन की छत कांच से बनाई गई है, मतलब अंदर बैठकर आप आसमान आसानी से देख सकते हैं. इसमें कुर्सियां घूमने वाली हैं, मतलब आप कुर्सियों पर बैठकर सफर को फुल एंजॉय कर सकते हैं.
कहां चलती है डेक्कन क्वीन ट्रेन
डेक्कन क्वीन को हिंदी में ‘दक्कन की रानी’ कहा जाता है. रेन नंबर 12123 है और यह मुंबई से पुणे तक चलती है. मुंबई से पुणे पहुंचने में ट्रेन को तीन घंटे का वक्त लगता है. मुंबई (CSTM) से हर दिन सुबह 5 बजे चलती है और पुणे में रात 8.25 पर पहुंच जाती है. ट्रेन में कई तरह की फैसिलिटीज है. कांच की छत, अनोखी खिड़कियां और मूव करने वाली कुर्सियां इसे खास बनाती है.
डेक्कन क्वीन ट्रेन का किराया
इस ट्रेन की कुर्सियों का कलर तक काफी यूनिक है. ट्रेन में काफी स्पेस है. इस लग्जरियस ट्रेन में सफर करना काफी यादगार होता है. अगर आप सफर करना चाहते हैं तो विस्डम कोच के EC सीट का किराया सिर्फ 1105 रुपए है. इस कोच में सफर करना अपने आप में ही काफी मजेदार है.
डेक्कन क्वीन की शुरुआत कब हुई थी
डेक्कन क्वीन ट्रेन का इतिहास करीब 100 साल पुराना है. इसकी शुरुआत 1 जून, 1930 में हुई थी. तब यह भारत की सुपरफास्ट ट्रेनों में से एक थी. इसको लेकर यह भी कहा जाता है कि यह भारत की पहली लग्जरी ट्रेन थी. मुंबई से पुणे तक व्यापार और दूसरी चीजों को बढ़ाने के लिए इसे शुरू किया गया था.