रिपोर्ट संतोष जायसवाल
पोडी बचरा। खड़गवां वन परिक्षेत्र अंतर्गत वन विभाग ने कैंपा योजना तहत तालाब निर्माण का कार्य मजदूरों से ना कराकर जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है। तालाब निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है। विभाग द्वारा कार्यस्थल पर सूचना पटल भी नहीं लगाया गया है। इससे ग्रामीणों को तालाब की लागत, योजना का कार्य और तालाब की लंबाई, चौड़ाई एवं गहराई कितनी है, इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है।
वन विभाग द्वारा ग्राम कोटेया बीट के चोपन में तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। तालाब निर्माण में विभाग मजदूरों को रोजगार न देकर जेसीबी मशीनों से निर्माण कार्य धड़ल्ले से करवाया जा रहा है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को अंधेरे में रखकर उन्हें काम नहीं दिया गया है। लाखों रूपए की लागत से तालाब निर्माण कार्य में भी नियमों और गाइडलाइन की जमकर अनदेखी की जा रही है। जबकि एक तरफ जहां शासन-प्रशासन मजदूरों को उनके ही गांव में ज़्यादा से ज़्यादा काम देने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर विकासखंड में तालाबों का निर्माण जेसीबी मशीन के जरिए कराते हुए गरीब व मजदूरो का हक छिना जा रहा है।ग्रामीणों का आरोप है कि मशीनों से कार्य होने के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्हें काम के संबंध में जानकारी भी नहीं दी जा रही है।
केंद्र सरकार के आदेश की अवहेलना
वन परिक्षेत्र में जंगली जानवरों के पानी के इंतजाम के लिए तालाब की खुदाई का कार्य नियम क़ानून को ताक में रखकर किया जा रहा है। जबकि केंद्र सरकार के आदेशानुसार कैंपा योजना के तहत हो रहें निर्माण कार्यों में ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराना था। परंतु वन विभाग के अधिकारियों द्वारा तालाब निर्माण कार्य को जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है। कार्य के दौरान वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी मौजूद नहीं रहते हैं। जिससे ठेकेदार द्वारा मनमानी करते हुए घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है जानकारी के अनुसार तालाब निर्माण हेतू नींव खोदकर पटल में काली मिट्टी को गिला कर लोदी बनाकर पटल भरना रहता है लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है काली मिट्टी जेसीबी मशीन से खोदकर डाला जरुर जा रहा है पर गिला नहीं किया जा रहा है जिस कारण तालाब में पानी भरने के बाद रिसाव होते रहेगा वही ग्रामीणों ने तालाब खुदाई के स्थल चयन पर भी सवाल उठाए हैं।