- छत्तीसगढ़ पीएससी ने पर की भ्रष्टाचार और स्तरहीनता की सारी हदें -ओपी चौधरी
- अधिक संख्या में गलत स्तरहीन सवालों के पूछे जाने से छग पीएसी पर विश्वास का संकट
- प्रश्नों के विकल्प में 2 सौ साल का फर्क,यह धोखेबाजी है
आईएएस से नेताजी बने छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने सीजीपीएससी की परीक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ओपी चौधरी ने कहा कि कुछ प्रश्नों में सही विकल्प ही नहीं दिया गया, जबकि कुछ प्रश्नों के विकल्प में 200 वर्षों का अंतर था। अब बच्चों से यह पूछा जा रहा है कि राजनांदगांव में सीएम ने भेंट मुलाकात कब की, यह सब जानबूझकर इसीलिए किया जा रहा है कि एक गांव का गरीब व्यक्ति कभी आगे ना बढ़ सके।पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के पीएससी भ्रष्टाचार और स्तरहीनता की पराकाष्ठा को पार कर रही है। यह गांव-गांव से आए बच्चों और उनके माता-पिता के साथ सबसे बड़ा अन्याय है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने पीएससी परीक्षा की विश्वसनीयता को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए राज्य सरकार की भूमिका को संदेहास्पद बताया है द्य उन्होंने कहा कि कुछ प्रश्नों में सही विकल्प ही नहीं दिया गया। कलचुरी वंश से संबंधित प्रश्न में सन 1741 के स्थान सन 1941 लिखकर विकल्प में 200 वर्षों का आश्चर्यजनक अंतर रखा गया है। राजनांदगांव में सीएम ने भेंट मुलाकात कब की ऐसे सवालों को पूछे जाने पर भीं ओपी चौधरी ने गहरी आपत्ति जताते हुए नाराजगी जाहिर की द्य आत्ममुग्धता और अप्रासंगिक तथ्यों के साथ यह सब जानबूझकर इसीलिए किया जा रहा है ताकि स्तरहीन व गलत सवाल पूछकर भ्रष्टाचार की परिस्थितिया निर्मित की जा सके।
छत्तीसगढ़ पीएससी में भ्रष्टाचार सीमा पार हो गया द्य स्तरहीन सवालों से छग पीएससी की भूमिका को परीक्षार्थी संदेह की दृष्टि से देख रहे है द्य दूर सुदूर ग्रामीण अंचल से आए बच्चो एवम उनके माता-पिता के साथ यह घोर अन्याय है द्यप्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पीएससी प्रिलिम्स परीक्षा आयोजित हुई। प्रश्न क्रमांक 88 में कलचुरी वंश की अपदस्थता संबंधित प्रश्न है जिसमें विकल्प 1940 -1941 है जबकि छत्तीसगढ़ में 1740- 1741 के आसपास यह परिस्थितियां पैदा हुई। उत्तर के विकल्प में सीधा 200 साल का फर्क है। प्रश्न क्रमांक 66 में सवाल पूछा गया कि ब्रिटिश कैप्टन सेंडीज ने कौन सी ताहुतदारी का निर्माण किया, इसमें सही विकल्प लोरमी और तरेंगा का जिक्र उत्तर हेतु किसी भी विकल्प में मौजूद नही है द्य प्रश्न क्रमांक 57 में पूछा गया कि राजनांदगांव जिले में भेंट मुलाकात कार्यक्रम किस तारीख को संपन्न हुआ। इस तरह के अनेक अप्रासंगिक प्रश्न किए गए। प्रश्न क्रमांक 56 में पूछा गया कि 4 जुलाई 2022 तक भुइया पोर्टल में व्यक्तिगत वनाधिकार के कितने पत्र अपलोड हुए। अलग अलग तारीख को कितने पत्र अपलोड हो रहा है,इस तरह विचित्र सवालों का उत्तर क्या दुनिया में कोई याद रख सकता है। इस तरह के अप्रासंगिक और स्तरहीन प्रश्न पूछकर पीएससी में अनियमितताओं की परिस्थितियों को उत्पन्न किया जा रहा है।
प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि अन्य प्रदेशों में पीएससी अन्य पीएससी और यूपीएससी के प्रश्न के स्तर से मैच करके परीक्षा का स्तर उन्नयन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में दुर्भाग्य का विषय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यूपीएससी और अन्य राज्यों की पीएससी की तरह छत्तीसगढ़ पीएससी को उच्च स्तरीय बनाने के बजाय छत्तीसगढ़ पीएससी में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। जबकि पीएससी प्रदेश की सर्वोच्च संवैधानिक एजेंसी है।बेहतर भविष्य के लिए तैयार युवा पीढ़ी को आगे बढऩे से रोका जा रहा है।यह ऊँचे सपनों और बेहतर भविष्य के साथ गांव-गांव से आये बच्चों और उनके माता-पिता के साथ सबसे बड़ा अन्याय है द्य सरकार के ऐसे रवैए से पूरे छत्तीसगढ़ के समाज में भारी हताशा और निराशा फैल रही है।