#readerfirst Student preparing for NEET committed suicide.
सब का करियर एक जैसा नहीं बनता। जिसका बन जाता है वो बहुत खुश रहता है। जिसका नहीं बनता वो क्या करता होगा। सभी की अपेक्षाएं होती हैं कि बेटा क्या करेगा, ये करेगा वो करेगा। पेरेंट्स को लगता है प्रेशर नहीं है, एग्जाम ही तो है। पर ऐसा नहीं है। बहुत सारी चीजें हमारे माइंड में भी रहती हैं। ये कहते हुए प्रभात ने मौत को गले लगा लिया।
प्रभात कुमार निषाद डॉक्टर बनने के लिए नीट की तैयारी कर रहा था। वो बेमेतरा जिले के बेरला के रहने वाले शिक्षक कमलेश निषाद का बेटा था। नीट की तैयारी के चलते पिछले एक साल से अपना घर छोड़कर दुर्ग जिले के नेवई में किराये के मकान में रहता था। दो बार नीट का एग्जाम दिया, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
प्रभात के दोस्त के मुताबिक, शायद प्रभात जान चुका था कि मेडिकल की पढ़ाई उससे नहीं की जा रही है। लेकिन पिता का अरमान पूरा करने के लिए वह अपने मुताबिक करियर नहीं बना पा रहा था। हर बार उसके ऊपर डॉक्टर बनने का दबाव बढ़ता जा रहा था। इसलिए उसने हमेशा के लिए खामोश रहना ही ठीक समझा।
नीट की परीक्षा से एक दिन पहले 6 मई 2023 को प्रभात ने अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी से पहले प्रभात ने अपने मोबाइल में दो वीडियो बनाए थे।
पहले वीडियो में एजुकेशन सिस्टम को घटिया बताया
पहले वीडियों में प्रभात ने कहा, हेलो दोस्तों, मैं प्रभात इस घटिया समाज और घटिया शिक्षा प्रणाली के साथ काम कर रहा हूं। मैं पूरी तरह से फेल हो चुका हूं। मैं ऐसा इंसान हूं जो अपने मिजाज के साथ खुलकर रहना पसंद करता हूं और रहता भी था। अब मैं बहुत डरा हुआ हूं कि मैं आगे क्या करूंगा क्या नहीं करूंगा। ज्यादा कुछ है नहीं मेरे पास बोलने को।
माता-पिता को बताई अपने दिल की बात
दूसरे वीडियो में उसने कहा, मुझे पिछले एक महीने से वोमेटिंग हो रही थी, उसमें ब्लड आ रहा था। पता नहीं ये क्या था। कभी भी वोमेटिंग हो जाती थी कभी उसमें ब्लड आता था कभी नहीं आता था। मैं बहुत सारी चीजों के साथ गुजर रहा हूं। सबका करियर एक जैसा नहीं बनता। जिसका बन जाता है वो बहुत खुश रहता है। जिसका नहीं बनता वो क्या करता होगा। सभी की उम्मीदें होती हैं, कि ये करेगा वो करेगा। पेरेंट्स को लगता है प्रेशर नहीं है एग्जाम ही तो है। पर ऐसा नहीं है। बहुत सारी चीजें हमारे माइंड में भी रहती हैं। मुझे नहीं पता मैं क्या क्या बोल रहा हूं। कुछ गलत भी बोल रहा हूं नहीं पता।
एक महीने से कर रहा था खुदकुशी वाली बात
नेवई TI ममता अली शर्मा ने बताया कि प्रभात के दोस्तों का कहना था कि, वो एग्जाम को लेकर काफी प्रेशर में था। वो एक महीने से कह रहा था वो एग्जाम नहीं दे पाएगा। उससे ये नहीं हो पाएगा। वो एग्जाम से एक दिन पहले खुदकुशी कर लेगा। दोस्त उसे समझाते थे, लेकिन उन्होंने ये बात प्रभात के पेरेंट्स को नहीं बताई। आखिरकार परीक्षा से एक दिन पहले उसने मौत को गले लगा लिया।
TI ममता अली शर्मा ने कहा कि,माता-पिता को अपने सपने बच्चों पर नहीं लादना चाहिए। उनसे अधिक से अधिक बात करनी चाहिए। और उनके मन मुताबिक करियर बनाने में उनकी मदद करनी चाहिए।
इस पूरी घटना पर मनो चिकित्सक डॉ. प्रमोद गुप्ता का कहना है कि, बच्चों की परवरिश करना माता पिता का कर्तव्य होता है, लेकिन उनसे अपनी अपेक्षाएं न रखें। ऐसा करना परवरिश न होकर बिजनेस हो जाता है। माता पिता को चाहिए की वो बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं। वह जो बनना चाहता है, उसे वही बनने दीजिए। उनके दोस्तों से बात करें उनसे मिलें। बच्चा क्या बनना चाहता है उस पर उसे ऑप्शन दें, उसे बूस्ट अप करें, कि अगर वो फेल हुआ तो दूसरे ऑप्शन के साथ अपने लक्ष्य की तैयारी करता रहे।