(There is happiness in giving water to thirsty birds:- Journalist Sudhir Chauhan
बरमकेला:- बरमकेला जंगल की रास्तों से गुजरने पर पक्षियों की चुं-चुंहाट देख कोई भी कह देता है कि यह बरमकेला और मल्दा के बीच का जंगल है। आसपास से गुजरने वाले लोग इससे आकर्षित होते हैं। बरमकेला बिजली विभाग द्वारा पक्षियों को पानी पिलाने हर साल बरमकेला के जंगलों में प्लास्टिक का डिब्बा डालकर उन्हें पिलाना उनका जुनून बन गया है।
भीषण गर्मी में जहां पक्षी प्यास से ब्याकुल होकर भटक रहे हैं, वहीं बिजली विभाग द्वारा दर्जनों प्लास्टिक डिब्बों में पक्षियों के लिए बरमकेला जंगल के पेड़ो में पानी रखा मिल जाएगा। जिसमे आने जाने वाले राहगीर भी उसमे ताजा पानी भरते हैं। इसी तारतम्य में आज पत्रकार सुधीर चौहान और उनकी पत्नी भी कुछ काम उस रास्ते से सारंगढ़ जा रहे थे तो उन्होंने भी पंक्षियो के लिए प्लास्टिक डिब्बों में पानी डाला और कहा की प्यासे पक्षियों को पानी पिलाने में बहुत खुशी मिलती है।
विदित हो की पत्रकार सुधीर चौहान जब भी इस रास्ते से होकर गुजरते है तो हमेशा पक्षियों को पानी पिलाने प्लास्टिक डिब्बा में पानी लेकर जाते है और हर डिब्बा में थोड़ा थोड़ा पानी डालते जाते है। पत्रकार चौहान जी कई सालो से पानी पिलाते आ रहे है,और उन्होंने अपने घर के छत में भी पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था किया है। और आगे भी हर साल करते रहने की बात कही।
बरमकेला:- बरमकेला जंगल की रास्तों से गुजरने पर पक्षियों की चुं-चुंहाट देख कोई भी कह देता है कि यह बरमकेला और मल्दा के बीच का जंगल है। आसपास से गुजरने वाले लोग इससे आकर्षित होते हैं। बरमकेला बिजली विभाग द्वारा पक्षियों को पानी पिलाने हर साल बरमकेला के जंगलों में प्लास्टिक का डिब्बा डालकर उन्हें पिलाना उनका जुनून बन गया है।
भीषण गर्मी में जहां पक्षी प्यास से ब्याकुल होकर भटक रहे हैं, वहीं बिजली विभाग द्वारा दर्जनों प्लास्टिक डिब्बों में पक्षियों के लिए बरमकेला जंगल के पेड़ो में पानी रखा मिल जाएगा। जिसमे आने जाने वाले राहगीर भी उसमे ताजा पानी भरते हैं। इसी तारतम्य में आज पत्रकार सुधीर चौहान और उनकी पत्नी भी कुछ काम उस रास्ते से सारंगढ़ जा रहे थे तो उन्होंने भी पंक्षियो के लिए प्लास्टिक डिब्बों में पानी डाला और कहा की प्यासे पक्षियों को पानी पिलाने में बहुत खुशी मिलती है।
विदित हो की पत्रकार सुधीर चौहान जब भी इस रास्ते से होकर गुजरते है तो हमेशा पक्षियों को पानी पिलाने प्लास्टिक डिब्बा में पानी लेकर जाते है और हर डिब्बा में थोड़ा थोड़ा पानी डालते जाते है। पत्रकार चौहान जी कई सालो से पानी पिलाते आ रहे है,और उन्होंने अपने घर के छत में भी पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था किया है। और आगे भी हर साल करते रहने की बात कही।