भारत ने अब विश्व में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए कमर कस ली है । प्रतिबद्धता है आजादी के अमृत महोत्सव में हिंदी के वैश्वीकरण की । इसका श्रीगणेश बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफ्रीकी देश फिजी से कर दिया । फिजी में 12वें विश्व हिन्दी महासम्मेलन का उद्घाटन करते हुए एस जयशंकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि वह जमाना लद गया जब पश्चिमीकरण को प्रगति का पर्याय माना जाता था ।उपनिवेश काल में जिन भाषाओं को दबाया गया था अब वैश्विक मंच पर उनकी गूंज सुनाई पड़ रही है ।
आपको बता दें कि फिजी में भारतीय मूल के लोगों की संख्या काफी है और वहां अभी 8 वीं तक हिंदी पढ़ाई जाती थी जिसे अब 12 वीं तक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाए जाने की तैयारी फिजी की सरकार कर रही है । सम्मेलन में भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया कि भारत सरकार फिजी की हर संभव मदद करेगी । भारत सरकार फिजी में लैंग्वेज लैब खोल रही है ताकि सही हिंदी फिजीवासी सीख सकें । इसके लिए भारत सरकार हिंदी के शिक्षकों को प्रशिक्षण भी देगी । फिजी की सरकार ने हिंदी शिक्षकों की संख्या बढ़ाए जाने के भी संकेत दिए हैं । यह भी जानकारी सामने आई है कि बहुत जल्दी ही हिंदी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक होगी । आधुनिकतम तकनीकी के सहारे ऐसे एप्स विकसित किए जा रहे हैं कि विश्व की किसी भी भाषा को हिन्दी में पढ़ा और समझा जा सकेगा ।
इस देश ने की 12 वीं तक हिंदी की शिक्षा अनिवार्य , भारत करेगा हर संभव मदद

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