- देश में पहली बार लिथियम मिला:जम्मू-कश्मीर के रियासी में 59 लाख टन का भंडार मिला
- लिथियम, सोने के 5 ब्लॉक, बेस मेटल… जम्मू-कश्मीर के रियासी में मिला अरबों का खजाना
- जम्मू-कश्मीर के रियासी में मिला 59 लाख टन लिथियम का भंडार, मोबाइल-लैपटॉप की बैट्री बनाने के आता है काम
देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है. लिथियम के भंडार की यह पहली साइट है, जिसकी भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने रियासी जिले में पहचान की है. इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे उपकरणों की बैट्री में इस्तेमाल होने वाले लिथियम को दूसरे देशों से आयात किया जाता है. रियासी जिले में अब इसके भंडार के दोहन से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी.
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम अनुमानित संसाधन स्थापित किए हैं. लिथियम एक अलौह धातु है जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है. इस समय भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है.
माइंस सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने बताया, “देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी में लिथियम के भंडार की खोज की गई है.” उन्होंने कहा, “चाहे मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल, महत्वपूर्ण खनिजों की हर जगह आवश्यकता होती है. आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत महत्वपूर्ण है.”
GSI ने 51 खनिज के ब्लॉक्स की रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी
62वीं CGPB की मीटिंग के दौरान GSI ने लिथियम और गोल्ड समेत 51 खनिज के ब्लॉक्स की रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी। इनमें से 5 ब्लॉक सोने के भंडार हैं। इनके अलावा, पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल से जुड़े हुए हैं। ये मेटल्स 11 राज्यों के अलग-अलग जिलों में मिले हैं। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।
लिथियम क्यों है महत्वपूर्ण
लिथियम एक धातु है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी को बनाने में किया जाता है. मोदी सरकार देश में पब्लिक और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट दोनों क्षेत्र में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस कर रही है. खास तौर पर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों को अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल पर निर्भर बनाने की योजना है. इसके लिए लिथियम भंडार का होना बहुत जरूरी है.
वर्तमान में चीन और ऑस्ट्रेलिया दुनियाभर में लिथियम के बड़े सप्लायर हैं. अपने विशाल लिथियम भंडार के चलते ये अपनी मनमानी भी करते हैं. अब भारत में भी लिथियम भंडार का पता चलने के बाद इनकी बादशाहत पर असर पड़ना तय है.