रिपोर्ट संतोष जायसवाल
पोडी बचरा/ ग्राम पंचायत कोटेया, चोपन के मजदूरों के लिए रोजगार के अभाव में रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। मजदूरों के गांव में चल रहे मनरेगा के कामों में भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है। चोपन,,कोटेया के मजदूरों का कहना है कि गांव में इन दिनों डबरी की खुदाई का काम वन विभाग के द्वारा किया जा रहा है। वह भी जेसीबी मशीन के माध्यम से किया जा रहा है। ऐसे में मजदूरों के लिए परिवारों का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है, वहीं मजदूरों द्वारा वन विभाग के काम में मशीन के उपयोग का विरोध करते हुए तालाब की खुदाई के काम रोकवा दिया गया है उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत कोटेया में लगभग 500 से अधिक मजदूर रोजगार के चलते परेशानियों के बीच दिन गुजारने को मजबूर है यहां पर कोई और काम नहीं है और नहीं कोई फैक्ट्री, कारखाना है जिसमें मजदूरों को काम मिल सकें लेकिन गांव में ही चल रहे शासकीय कामों में भी उन्हें रोजगार नहीं दिया जा रहा है वहीं कई महीनों से बेरोजगार बैठे मजदूरों की जमा पूंजी भी खर्च हो चुकी है। ऐसे में रोजगार मिलने की बाट जोह रहे मजदूरों को पंचायत में चल रहे वन विभाग में काम मिलने की आस थी, लेकिन वह काम भी मशीनों द्वारा कराया जा रहा है, जबकि शासन द्वारा होने वाले कच्चे कामों में स्थानीय मजदूरों को अनिवार्य रूप से रोजगार देने का प्रावधान है। इसके बावजूद गांव के मजदूरों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है, वहीं मजदूरों ने जब मशीन द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य का विरोध करते हुए वन विभाग के आला अधिकारियों को निमार्ण स्थल पर आने को कहा गया जिस पर कोई जबावदार अधिकारी नहीं पहुंचे जिस पर ग्रामीण उग्र होकर मशीन से काम नहीं करने चेतावनी देते हुए डबरी निर्माण कार्य को रोक दिया है ग्रामीणों का कहना है कि हम विकास कार्य के विरोधी नहीं हैं विकास कार्य हो लेकिन हम श्रमिकों के कल्याण हेतु मजदूरों से काम कराया जाए हम काम करने को तैयार है ग्रामीणों ने जब ठेकेदार के मुंशी से ठेका से कार्य होने की निविदा एवं इस्टीमेट आदेश की जानकारी चाही व मशीन द्वारा किए जाने काम के आदेश की कापी दिखाने को कहा जिस पर मुंशी द्वारा नहीं दिखाया गया कहा गया हमारे पास किसी भी प्रकार का दस्तावेज नहीं है गौरतलब है कि जब कोई भी निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाता है उक्त स्थल पर निर्माण कार्य शुरू होने के पहले सूचना पटल बनाया जाता है जिसमें निर्माण कार्य की एजेंसी का नाम कार्य प्रारंभ का दिनांक कार्य पूर्ण सहित लागत राशि अंकित करना अनिवार्य होता है लेकिन उक्त स्थल पर ऐसी कोई जानकारी हेतू सूचना पटल नहीं बनाया गया है|
जब स्थानीय संवाददाता ने वन विभाग के एसडीओ से फोन के माध्यम से मशीन द्वारा हो रहें निर्माण कार्य में उनका पक्ष जानने की कोशिश मोबाइल फोन के द्वारा किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया
मुझे नहीं मालूम है निर्माण कार्य मशीन से होना है या मजदूरों से मुझे मेरे उच्चाधिकारियों ने कहा कि चोपन में मशीन पहुंच गया जाकर जगह दिखा दो और काम चालू कराओ मुझे यह भी नहीं मालूम है कि हो रहें डबरी निर्माण कार्य किस मद से और कितने लागत से बन रहा है
निर्मल सिंह बीट गार्ड उपवनपरिक्षेत्र
पोडी (बचरा)