
नगर पंचायत पुसौर वासियों को मुहैया कराने के इरादे से जल आवर्धन योजना के तहत सूरजगढ महानदी में पंप स्थापित करते हुये वहां से लगभग 9 कि.मी. पाईप के जरिये पानी पुसौर लाया जाकर उसे बाजार परिसर स्थित उपकरण से शुद्ध करते हुये उसका वितरण किये जाने की व्यवस्था है. लेकिन यह व्यवस्था आये दिन पाईप फटने, नदी स्थित पंप में बालु भर जाने, लाईट नहीं होने अथवा वर्कर की लापरवाही के कारण पुसौर के लोगों को नियमित जल की आपुर्ति नहीं हो रही है और इस प्रकार औसतन माना जाये तो महिने में 20 दिन ही उक्त पानी का लाभ लोगों को मिल रहा है। शुद्ध और प्यूरीफाई पानी के नाम से उक्त नल कनैक्शन का मासिक शुल्क भी अधिक है और वह नियमित वितरण भी नहीं हो रहा है ऐसे स्थिति में जो उपभोक्ता केवल नदी वाले नल कनेक्षन के भरोसे हैं उन्हें आये दिन पानी के लाले पडे हुये है।
गौरतलब हैं कि पुसौर के नगर पंचायत कार्यालय परिसर में एक विशाल काय पानी टंकी है साथ ही अलग अलग वार्डो में स्थापित नलकुप है जिनके जरिये 15 वार्डो में पानी का वितरण हो रहा है इतने सारे व्यवस्था में भी पुसौर निवासीयों को आये दिन पानी की किल्लत का सामना करना पड रहा है जबकि अभी गर्मी प्रारंभ नहीं हुआ है और स्थिति ये है। जब गर्मी बढेगा तथा जल स्तर निचे गिरेगा तो पुसौर में पानी की कील्लत क्या होगी इसे अनुमान लगाया जा सकता है। जल आवर्धन वितरण व्यवस्था के सेटप में 2 कर्मचारी महानदी स्थित पंप में रहते हैं तथा 2 कर्मचारी बाजार परिसर स्थित प्यूरीफायर व्यवस्था में तैनात रहते हैं जो पिछले 1 वर्श से व्यवहारिक रूप से ही काम कर रहे हैं चूंकि जल आवर्धन सेटप में कर्मचारियों की स्थिति मंजूर नही हुई है। इसके बावजूद भी महानदी जल आवर्धन वितरण व्यवस्था में आये दिन लोगों को तकलीफ का सामना करना पड रहा है। वैसे टंकी के नल कनेक्षन एवं स्थापित नलकुपों के कनेक्षन से भी बहुतों के घर पानी पहुंच रहा है लेकिन इन्हें भी आने वाले गर्मी के मद्देनजर पानी की कील्लत सामने आता रहा है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि लगभग 7000 जनसंख्या वाले नगर पंचायत पुसौर में जहां एक अलग से नगरीय प्रषासन हैं मुलभुत आवष्यकताओं की पूर्ति के लिये कई तरह के मद हैं साथ ही रिप्लेसमेंट कर्मचारी है ऐसे स्थिति में भी पानी जैसे जीवन के महत्वपुर्ण अंग का समुचित व्यवस्था न होने की स्थिति में कई तरह के सवाल खडे होते हैं। उल्लेखनीय है कि पुसौर में वितरण हो रहा पानी इतना खारा है कि बर्तनों में पपडी जम जाते हैं, थोडे दिन में ही आभूशणों में चमक गायब हो जाती है इसी तरह कपडों की स्थिति है तो फिर यहां के निवासियों का पेट का क्या हाल होता होगा इसे अनुमान लगाया जा सकता है। जानकारी के मुताविक पुसौर निवासियों के हर 10 वेे व्यक्ति में पानी की वजह से कब्ज की षिकायत सामने आया है ऐसे स्थिति में पुसौर निवासियों को षुद्ध पेय जल कैैसे उपलब्ध कराया जा सकेगा इस तथ्य पर नगरीय प्रषासन को काम करने की जरूरत है।
नगर अध्यक्ष रितेष थवाईत ने बताया कि नदी से आ रहे पानी पाईप पुसौर से काफी दूर होने की वजह से आये दिन पाईप टुटता रहता है इसलिये वितरण व्यवस्था बाधित हो रहा है। जल आवर्धन सेटप में 8 कर्मचारी के व्यवस्था हेतु प्रस्ताव भेजा गया है।
देखिये वीडियो क्या कहा रीतेश थवाईत, नगर अध्यक्ष पुसौर ने …