मुंगेली जिला से हरजीत कुमार की रिपोर्ट
मुंगेली – (लोरमी)-जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि जो मानव संमाज संत गुरू घासीदासजी का चरित्र अति पावन है। और उन्होंने सदा सतनाम का ही सुमिरन किया है। और सतनाम का ही जाप करने का उपदेश दिया है। जिन्हें पढ़कर आज हम अपनी सतज्ञान की चक्षु को खोल सकते हैंः- ‘‘सतपुरूष सतनाम, सफल विश्व के कारण संत गुरू घासीदासजी एक महामानव और एक महान आत्मा के रूप में अवतरित हुए थे। जो सांसारिक दुनिया से अलग उस परम-सत्ता की ओर ही तल्लीन निर्गुण ब्रह्म के उपासक थे। उन्होंने सिर्फ और सिर्फ ‘‘सतनाम’’ का ही स्मरण किया और ‘‘सतनाम’’ में ही उन्होंने सतपुरूष सतनाम को प्राप्त किया जो सत्, चित्, आनंद है। उस सतपुरूष सतनाम ने संत गुरू घासीदासजी को माया रूप धारण कर कई तरह से छलने की कोशिश की किन्तु वह अपने मार्ग पर अडिग रहे और उन्होने ‘सत’ के मार्ग से जरा भी विचलित नहीं हुए। अन्ततः माया को हार माननी ही पड़ी। साथ मे कृति मेन कुमार भार्गव सभापति जनपद पंचायत लोरमी तोरन खाण्डे घनश्याम जोशी अश्वनी सोनवानी सरपंच नानहू प्रसाद बंजारा उषा बंजारा गंगाबाई बंजारा संध्या भारती चंद्रबली बबीता बंजारा स्वीटी खांडे रुकमणी यादव पंडित मान दास आनंद जी कथावाचक कलम गृतलहरें तीसकर बंजारा बिहारी भीषम राजकुमार भागीरथी देनीभारती विनोद बंजारे कुंज बंजारे सत्या बांधे तारन खाण्डे सतीष एवं समस्त ग्रामवासी उपस्थित थे