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उद्धव विश्वासघात के शिकार ,उन्हें CM के रूप में देखना चाहते हैं शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का बड़ा बयान

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Uddhav is a victim of betrayal, wants to see him as CM, big statement by Shankaracharya Avimukteshwaranand Swami Avimukteshwaranand Saraswati Maharaj

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने वाले उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) नेता विश्वासघात के शिकार हैं। उन्होंने ठाकरे के बांद्रा स्थित आवास मातोश्री में उनसे मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। कई लोग इससे दुखी हैं। मैंने आज उनके अनुरोध पर उनसे मुलाकात की। मैंने उनसे कहा कि जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, लोगों का दर्द कम नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ”पूरे महाराष्ट्र की जनता इस बात से पीड़ित है. सभी के मन में इस बात का दर्द है. चुनाव में इस बात का पता भी चल चुका है. उन्होंने जब तक फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आप विराजमान नहीं हो जाते हैं, तब हमलोगों के मन का जो दर्द है वो दूर नहीं हो सकता है. अब तो ये बात प्रमाणित हो चुकी है कि महाराष्ट्र की जनता इस बात को मानती है कि उद्धव ठाकरे जी के साथ विश्वासघात हुआ है”.

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अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ये भी कहा कि जनता का अनादर करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, ”जनता जिसके लिए बहुमत देती है, उसे उसके समय तक के लिए बनाए रखना चाहिए. बीच में सरकार को तोड़ देना और जनमत का अनादर करना अच्छी बात नहीं है. हमें राजनीति से लेना देना नहीं है लेकिन विश्वासघात को पाप बताया गया है. इस बारे में कौन बोलेगा? क्या राजनेता बोलेगा? इस पर तो कोई धर्माचार्य ही बोलेगा.

‘जो विश्वासघात को सहन करता है, वह हिंदू है’
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, ‘उद्धव ने कहा कि वह हमारे आशीर्वाद के बाद जो भी करना होगा, करेंगे।’ उन्होंने कहा कि विश्वासघात सबसे बड़ा पाप है। जो विश्वासघात करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता। जो विश्वासघात को सहन करता है, वह हिंदू है।

जब तक दोबार CM नहीं बन जाते नहीं होगा दुख दूर
शंकराचार्य ने कहा, ‘हम हिंदू धर्म को मानते हैं। हम ‘पुण्य’ और ‘पाप’ में विश्वास करते हैं। ‘विश्वासघात’ को सबसे बड़ा पाप कहा जाता है। यही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ है। उन्होंने मुझे बुलाया और मैं यहां आया हूं। उद्धव ठाकरे ने उनका स्वागत किया है। उनके साथ विश्वासघात हुआ है। इसके हमें दुख है। जब तक वे दोबारा सीएम नहीं बन जाते, हमारा दुख दूर नहीं होगा।’

केदारनाथ में 228 किलो सोने का घोटाला हुआ
दिल्ली में केदारनाथ धाम बनाए जाने के सवाल पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ‘प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं बन सकता है। बारह ज्योतिर्लिंग निर्धारित हैं। उनका स्थान तय है। यह गलत है। पुराणों में कहा गया है ‘केदारम हिम पृष्ठे…’ तो आप कैसे उसे दिल्ली में ले जाओगे?’ उन्होंने कहा राजनेता हमारे मंदिरों में आ रहे हैं। केदारनाथ में 228 किलो सोने का घोटाला हुआ। किसी को इसकी परवाह नहीं है।

हमें राजनीति से लेना-देना नहीं है
उन्होंने कहा कि पूरे महाराष्ट्र की जनता इस बात से पीड़ित है. चुनाव में इस बात को जनता ने दिखा भी दिया है. ये जनमत का अनादर है. हमें राजनीति से लेना-देना नहीं है लेकिन विश्वासघात तो हुआ है. ये धर्म का मामला है. जो पूजा हुई है, उसमें गुरुवर आते हैं. उनकी पादुका की पूजा होती है. वही उद्धव ने किया है.

केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमारे यहां 12 ज्योतिर्लिंग हैं. केदारनाथ हिमालय में है तो उसको दिल्ली में लाने की जरूरत क्या है. लोगों को भ्रमित क्यूं कर रहे हैं. केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब हो गया है. उसको नहीं दिखाया जाता है. जांच नहीं की जा रही है. अब दिल्ली में केदारनाथ बनाकर घोटाला करना चाहते हैं.

हम नरेंद्र मोदी के दुश्मन नहीं हैं
शंकराचार्य ने कहा कि हम नरेंद्र मोदी के हितैषी हैं. वो हमारे पास आए थे. उन्होंने प्रणाम किया. हमने उनको आशीर्वाद दिया है. हम उनके दुश्मन नहीं हैं. जब उनसे कोई गलती हो जाती है, तब भी हम बोलते हैं. क्या उद्धव बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे जरिए बीजेपी को कोई मैसेज नहीं दिया गया है. हम कोई उनके लाईजनर नहीं हैं.

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