Arvind Kejriwal gets setback in CBI case, judicial custody extended till August 8, CBI had arrested him on June 26
नई दिल्ली। आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आठ अगस्त तक बढ़ा दी है।बता दें कि न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर केजरीवाल को आज गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया था।
सीबीआई ने 26 जून को किया था गिरफ्तार
केजरीवाल वर्तमान में सीबीआई व ईडी मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी ने 21 मार्च और भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था।
मनी लॉड्रिंग मामले में मिल चुकी है अंतरिम जमानत
उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल को मनी लॉड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है और सीबीआई मामले से जुड़ी जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है।
सीबीआई ने आबकारी नीति मामले से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को ‘मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक’ बताया है। एजेंसी ने दावा किया है कि आप के पूर्व मीडिया प्रभारी और केजरीवाल के करीबी सहयोगी विजय नायर कई शराब उत्पादकों और व्यापारियों से संपर्क में थे।
उधर, कोर्ट ने मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। दोनों वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए थे। इसके साथ ही केजरीवाल को लेकर ईडी की ओर से दाखिल सातवें पूरक आरोपपत्र पर भी आज सुनवाई होनी है।
जानकारी के लिए बता दें कि आज (25 जुलाई) अरविंद केजरीवाल की हिरासत खत्म हो रही थी। सीबीआई ने 55 वर्षीय आप नेता को 26 जून को गिरफ्तार किया था। उनकी पेशी आज तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी।
अरविंद केजरीवाल की हिरासत बढ़ी
CBI ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर आ कथित शराब घोटाले से जुड़े मामले में ‘मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक’ होने का आरोप लगाया है। एजेंसी ने दावा किया कि आप के पूर्व मीडिया प्रभारी और केजरीवाल के करीबी सहयोगी विजय नायर कई शराब उत्पादकों और व्यापारियों के साथ संपर्क में थे।
इसके अलावा CBI ने आरोप लगाया था कि जून 2021 से जनवरी 2022 तक हवाला चैनलों के ज़रिए गोवा राज्य में 44.45 करोड़ ट्रांसफर किए गए और AAP के विधानसभा चुनाव अभियान में इस्तेमाल किए गए। यह AAP को मिले 100 करोड़ की रिश्वत में से एक था, जैसा कि सीबीआई की पिछली चार्जशीट में बताया गया था।