TRAI has issued new guidelines, customers will benefit from TRAI’s new rules, customers will get compensation if there is no network for 24 hours
ट्राई द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए नए सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड नियमों के तहत स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा बाधित रहने की स्थिति में दूरसंचार ऑपरेटरों को ग्राहकों को मुआवजा देना होगा। ट्राई के नए नियम छह महीने बाद लागू होंगे।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नए नियमों के तहत हर एक क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा न करने पर जुर्माने की राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। अगर कहीं नियमों में ढील पाई जाती है तो टेलीकॉम ऑपरेटर को ये जुर्माना भरना पड़ सकता है।
नियामक ने संशोधित नियमों सेवा की गुणवत्ता के मानक (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा विनियम, 2024 के तहत नियमों के उल्लंघन के लिए अलग-अलग जुर्माना राशि लागू की जाएगी:
पहली बार उल्लंघन पर 1 लाख रुपए
दूसरी बार उल्लंघन पर 2 लाख रुपए
तीसरी बार उल्लंघन पर 5 लाख रुपए
चौथी बार उल्लंघन पर 10 लाख रुपए
नए मानदंड तीन अलग-अलग विनियमों बुनियादी और सेलुलर मोबाइल सेवाओं, ब्रॉडबैंड सेवाओं और ब्रॉडबैंड वायरलेस सेवाओं के लिए सेवा की गुणवत्ता (QOS) की जगह लेते हैं।
क्या हैं TRAI के नए रूल
नए मानदंड तीन अलग-अलग विनियमों – बेसिक और सेल्युलर मोबाइल सेवाओं, ब्रॉडबैंड सेवाओं, और ब्रॉडबैंड वायरलेस सर्विस के लिए सर्विस क्वॉलिटी की जगह लेते हैं.
नए नियमों के मुताबिक, किसी जिले में नेटवर्क बाधित होने की स्थिति में दूरसंचार परिचालकों को पोस्टपेड ग्राहकों के लिए किराए में छूट देनी होगी जबकि प्रीपेड ग्राहकों के लिए कनेक्शन की वैधता बढ़ानी होगी. ट्राई ने कहा, ‘अगर कोई ऐसी नेटवर्क गतिरोध 24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहता है, तो कंपनी अगले बिल में उस जिले के रजिस्टर्ड ग्राहकों को छूट देगी.’ नियामक किराये में छूट या वैधता के विस्तार की गणना के लिए कैलेंडर दिवस में 12 घंटे से अधिक की नेटवर्क बाधा अवधि को एक पूर्ण दिन के रूप में गिनेगा. हालांकि, प्राकृतिक आपदा के कारण दूरसंचार सेवाएं बाधित होने की स्थिति में यह राहत नहीं मिलेगी.
ग्राहकों को मिलेगा फायदा
यहां तक कि फिक्स्ड लाइन सर्विस प्रोवाइडर्स को भी पोस्टपेड और प्रीपेड ग्राहकों को मुआवजा देना होगा, अगर उनके नेटवर्क या सेवा में खराबी तीन दिनों के बाद ठीक हो जाती है. नए नियम के मुताबिक, ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर्स को ग्राहकों की ओर से भुगतान किए जाने के 7 दिनों के भीतर 98 प्रतिशत कनेक्शन सक्रिय करने होंगे.
मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को अपनी वेबसाइट पर सर्विस वाइज (2G, 3G, 4G, 5G) भू-स्थानिक कवरेजस मैप उपलब्ध कराने होंगे, जिससे ग्राहकों को मदद मिलेगी. ट्राई के नए नियम छह महीने बाद लागू होंगे.
प्राकृतिक आपदा पर भी नहीं मिलेगी यूजर्ज को छूट
प्राकृतिक आपदा के कारण टेलीकम्युनिकेशन सर्विस में दिक्कत होने की स्थिति में यह राहत यूजर्स को नहीं दी जाएगी।
ट्राई के नए नियमों के मुताबिक, किसी जिले में नेटवर्क बाधित होने की स्थिति में टेलीकॉम ऑपरेटर को पोस्टपेड ग्राहकों के लिए किराए में छूट देनी होगी जबकि प्रीपेड ग्राहकों के लिए कनेक्शन की वैधता बढ़ानी होगी।
कंपनियों को अब हर महीने करनी होगी सर्विस की होगी जांच
ट्राई के अनुसार, मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा कंपनियों को पहले सर्विस की जांच हर तीन महीने में करनी होती थी लेकिन अब हर महीने सर्विस की जांच करनी होगा। ट्राई ने ये भी बताया है कि इन नियम को लागू करने से पहले, कंपनियों को तैयारी के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार जांच करेगी कि नेटवर्क कितना अच्छा चल रहा है, नेट यूज करने में कोई दिक्कत हो रही है या नहीं, कॉल कितनी बार कट रही है, और आवाज की क्वालिटी कैसी है। ये जांच हर जगह की जाएगी, इससे ये भी पता चलेगा कि कौन सी कंपनी सबसे अच्छी सर्विसेस अपने ग्राहकों को दे रही है।