New law on ‘love jihad’ and ‘land jihad’, life imprisonment, ‘Hindus on Facebook, seduce girls and after marriage…’, CM Himanta told what is the preparation
असम सरकार लैंड जिहाद और लव जिहाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रही है। दोनों को रोकने के लिए हिमंत सरकार कानून ला रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि वह लव जिहाद और लैंड जिहाद के खिलाफ काम करेंगे।
‘पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए’
सीएम सरमा ने कहा, ‘हमारी सरकार एक कानून बनाने की प्रक्रिया में है जो लव जिहाद के मामलों में कड़ी सज़ा देगा। असम में यह बहुत आम है, लोग फेसबुक पर अपना हिंदू नाम डालते हैं, एक लड़की को बहलाते हैं और शादी के बाद लड़की को पता चलता है कि लड़का वह नहीं है, जिससे उसने शादी की थी। पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए, इसलिए असम सरकार विभिन्न मामलों की जांच करने के बाद एक कानून बनाने जा रही है जो ऐसे मामलों में सजा देगा।’
‘लैंड जिहाद के खिलाफ भी करेंगे काम’
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य में जमीन के अवैध इस्तेमाल पर कहा, “हम सभी जानते हैं कि असम के विभिन्न हिस्सों में जनसांख्यिकी परिवर्तनों के कारण SC, ST जैसे मूल समुदाय अल्पसंख्यक बन रहे हैं और उनकी संपत्ति भी संदिग्ध तरीकों का उपयोग करके खरीदी जा रही है.”
उन्होंने आगे कहा, “असम में अगर आप बारपेटा, धुबरी जाएंगे तो आपको ऐसे कई उदाहरण मिलेंगे जहां हमने अपनी जमीन और संपत्ति कैसे खोई है. इसलिए हम एक ऐसा कानून ला रहे हैं जो ऐसी बिक्री को प्रतिबंधित करेगा. SC अपनी जमीन केवल SC को ही बेचेंगे, ST अपनी जमीन ST को ही बेचेंगे और OBC अपनी जमीन सिर्फ OBC को ही बेचेंगे. हम लव जिहाद और लैंड जिहाद के खिलाफ काम करेंगे.”
उम्रकैद की सजा होगी
इससे पहले उन्होने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि असम सरकार लैंड जिहाद और लव जिहाद को रोकने के लिए दो कानून ला रही है। अगर कोई मुस्लिम हिंदू की संपत्ति खरीदना चाहता है या कोई हिंदू मुस्लिम की संपत्ति खरीदना चाहता है, तो उसे सरकारी अनुमति लेनी होगी। लव जिहाद करने वालों को उम्रकैद की सजा दी जाएगी।
वक्फ विधेयक में संशोधन की खबरों पर कही ये बात
‘मीडिया में आई खबरों के अनुसार कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक ला सकती है’, सीएम सरमा ने कहा, ‘अब तक, मैंने मसौदा या संशोधन विधेयक नहीं देखा है। मैं केवल इतना जानता हूं कि वक्फ विधेयक में संशोधन होगा। यह लंबे समय से चली आ रही आवश्यकता है। मुझे लगता है कि मुस्लिम आंदोलन को न्याय देने के लिए इस कदम पर विचार किया जाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वक्फ संपत्ति जिसे भी मिलनी चाहिए, उसके पास जाए।’