All India General Assembly of Sanskar Bharti concluded in Jaipur
संस्कार भारती का अखिल भारतीय साधारण सभानराजस्थान के जयपुर में आयोजित हुई थी, अखिल भारतीय साधारण सभा में संस्कार भारती छत्तीसगढ़ से श्री रिखी क्षत्रिय प्रांत अध्यक्ष , श्री हेमन्त माहुलीकर प्रांत महामंत्री , डॉ पुरुषोत्तम चंद्राकर प्रांत सह महामंत्री , श्री जागेश्वर सिंह मानसर प्रांत कोष प्रमुख , श्रीमती शैली दुलारी सार्वा प्रांत मातृ शक्ति संयोजिका और श्रीमती सुधा देवांगन प्रांत मातृ शक्ति सह संयोजिका उपस्थित हुई । इस वर्ष की राष्ट्रीय साधारण सभा में 2024 से 2027 तक की नवीन अखिल भारतीय कार्यकारिणी का चुनाव हुआ एवं नवीन कार्य रचना पर अंतिम निर्णय लिए गए ।
जिसमें अखिल भारतीय कार्यकारिणी अगले 3 वर्ष के लिए डॉ मैसूर मंजूनाथ (जो की कर्नाटक संगीत और वायलिन के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार हैं ) का निर्विरोध निर्वाचन राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में हुआ । राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में डॉ नितीश भारद्वाज , डॉ हेमलता एस मोहन और डॉ रविंद्र भारती रहेंगे । महामंत्री डॉ अश्विन दलवी , संगठन मंत्री श्री अभिजीत गोखले , कोष प्रमुख श्री सुभाष अग्रवाल , सह कोष प्रमुख श्री श्रीपाद जोशी ,मंत्री श्री रविंद्र बेडेकर ,श्रीमती नीलांजना राॅय , श्री अनुपम भटनागर , श्री आशुतोष अडोनी और श्री संजय चौधरी , मातृशक्ति संयोजिका श्रीमती अनीता करकरे एवं सह संयोजिका श्रीमती मिथिलेश तिवारी घोषित हुए ।
विभागों की नवीन कार्य रचना के अनुसार मंचीय कला विभाग संयोजक श्री देवेंद्र रावत , दृश्य कला विभाग संयोजक श्री रविंद्र बेडेकर , लोक कला विभाग संयोजक श्री निरंजन पंडा , साहित्य विभाग संयोजक श्री सुरेश बबलानी , कला धरोहर विभाग संयोजक श्री ओजस हिराणी रहेंगे । साथ ही पांचो विभागों की टोलियां भी घोषित हुईं ।
इस दौरान नवीन कार्य रचना एवं अन्य दिशानिर्देश दिए गए जिसमें कला जगत के संगठन को सर्वोपरि रखते हुए कला के सभी क्षेत्र घटकों में काम का विस्तार करना है तथा प्रदर्शन आधारित संगठन से विचारधारा आधारित प्रदर्शन की ओर आगे बढ़ाना है । इस हेतु चिंतन करते हुए कार्य की वार्षिक , त्रैवार्षिक , पंचवार्षिक और दीर्घकालिक योजना बनाने का क्रम प्रारंभ करने पर जोर दिया गया।
निर्णय लिया गया कि वर्ष 1981 से चली आ रही संगठनात्मक रचना में परिवर्तन करते हुए केंद्र , प्रांत और समिति (जिला/महानगर) स्तर पर घोषित कार्यकारिणी का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा । जिला /महानगर के नीचे विभिन्न प्रकार के उत्सवों व आयोजनों हेतु आवश्यकता अनुसार संयोजन समिति गठित होगी । तथा 1 अप्रैल 2025 से नई सदस्यता व्यवस्था लागू की जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रांत के सभी पदाधिकारी और कुछ चयनित कार्यकर्ता सदस्य होंगे , इसकी न्यूनतम संख्या 200 और अधिकतम 300 होगी । इसका सदस्यता शुल्क ₹ 1100 वार्षिक रहेगा । नए सदस्य एवं अन्य सामान्य सदस्य संस्कार मित्र कहे जाएंगे। इनकी सहयोग राशि ₹ 500 वार्षिक रहेगी । प्रांतीय सदस्यता और संस्कार मित्र के शुल्क जमा करने की ऑनलाइन व्यवस्था ही लागू रहेगी ।
इस दौरान निर्णय लिया गया कि भरत मुनि स्मरण दिवस (माघ पूर्णिमा ) एवं नटराज पूजन (आषाढ़ पूर्णिमा ) अनिवार्य उत्सव रहेंगे । 26 जनवरी को भारत माता पूजन उत्सव मनाना उपयुक्त होगा और स्थानीय सांस्कृतिक विशेषता और आवश्यकता के आधार पर अन्य उत्सव की रचना प्रांतीय – स्थानीय स्तर पर हो सकेगी । उत्सवों/ आयोजनों के दौरान अनावश्यक आडंबर ,व्यक्ति महिमामंडन आदि से दूर शुद्ध – सात्विक और कर्तव्य का भाव लिए कार्यक्रम की रचना होनी चाहिए । प्रत्येक आयोजनों में पंच परिवर्तन (कुटुंब प्रबोधन ,सामाजिक समरसता, पर्यावरण रक्षा ,स्वदेशी जीवन शैली और नागरिक कर्तव्य) का भाव परिलक्षित हो । जिला स्तर की प्रत्येक समिति अपना वार्षिक कला उत्सव आयोजित करें तो उपयुक्त होगा ।
विभिन्न विधाओं के प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दिया जाने पर जोर दिया गया तथा सभी प्रशिक्षण वर्गों की कालावधि 2 से 5 दिन तक होना सुनिश्चित हुआ ,इसके लिए वार्षिक कैलेंडर प्रांत स्तर पर बनाया जाना जाएगा तथा प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम केंद्र द्वारा निश्चित होगा जिसमें कार्यकर्ता की कला दृष्टि के विकास पर बल रहेगा ।
छोटी-छोटी बैठकों सहित कला चर्चा और कला समीक्षा के केंद्र विकसित होने संबंध पर निर्णय लिया गया तथा अन्य संस्थाओं की कला गतिविधियों में संस्कार भारती के सदस्यों की उपस्थिति और संपर्क बढे ऐसी अपेक्षा की गई। अन्य कला संस्थाओं के साथ संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का प्रचलन बढे । तथा कलाकार और कला संस्थाओं को सूचीबद्ध करने का कार्य अनवरत जारी रहे ।
Ro No- 13028/187