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महाकाली पूजा एवं भव्य मेला में शामिल हुए उमेश पटेल,मां काली की पूजा कर क्षेत्रवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की

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Umesh Patel participated in Mahakali Puja and grand fair, prayed to Maa Kali and wished for the happiness and prosperity of the people of the area

रायगढ़। जिले के खरसिया क्षेत्र में “श्री श्री 1008 महाकाली पूजा एवं भव्य मेला” का आयोजन एक बार फिर आस्था और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बनकर सामने आया। रविवार, 03 नवंबर को खरसिया के रॉबर्टसन, चपले और बड़े डूमरपाली में आयोजित इस मेले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं खरसिया विधायक उमेश पटेल भी शामिल हुए और मां काली की पूजा-अर्चना कर क्षेत्रवासियों के सुख, समृद्धि, और खुशहाली की प्रार्थना की। इस दौरान उमेश पटेल ने आयोजन समिति को इस महत्वपूर्ण आयोजन को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए शुभकामनाएं एवं बधाई दी। उन्होंने कहा, “ग्राम चपले की पावन भूमि पर महाकाली पूजा एवं मेला पिछले कई वर्षों से मनाया जा रहा है और प्रत्येक वर्ष इसकी भव्यता में इजाफा हो रहा है। इस आयोजन से चपले गांव की पहचान और गौरव बढ़ा है, जो हम सभी के लिए गर्व की बात है।”

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उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा को बढ़ावा देते हैं बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजते हैं। “चपले गांव अब महाकाली पूजा मेला के नाम से पहचाना जाने लगा है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु मां काली के दर्शन और मेला का आनंद लेने आते हैं, जो इस आयोजन की सफलता का प्रमाण है।” इस अवसर पर विधायक उमेश पटेल ने इस आयोजन को पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रेरणा बताया और कहा कि, “मां काली का आशीर्वाद खरसिया क्षेत्र, रायगढ़ जिले और पूरे प्रदेशवासियों पर बना रहे। मैं उम्मीद करता हूं कि यह मेला प्रतिवर्ष इसी तरह उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाए।” गौरतलब है कि “श्री श्री 1008 महाकाली पूजा एवं भव्य मेला” का आयोजन रॉबर्टसन, चपले, और बड़े डूमरपाली के क्षेत्रवासियों के सामूहिक सहयोग से होता है। इस महाकाली पूजा मेले की परंपरा खरसिया के दिवंगत विधायक शहीद नंदकुमार पटेल के समय से चली आ रही है, जिन्हें मां काली के दरबार में प्रतिवर्ष आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होता था। आज उनके पुत्र विधायक उमेश पटेल इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए प्रतिवर्ष यहां आकर मां का आशीर्वाद लेते हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि क्षेत्र की सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को भी सुदृढ़ करता है।

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