An incentive amount of up to Rs 30 crore will be given for making a foreign film in India, Union Minister Anurag Thakur made a big announcement.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को आईएफएफआई के उद्घाटन के दौरान घोषणा की कि विदेशी फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि 30 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है।उल्लेखनीय है कि इसकी अधिकतम सीमा 30 करोड़ रुपये (3.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) होगी, जिसमें उल्लेखनीय भारतीय विषयवस्तु के लिए पांच प्रतिशत का अतिरिक्त बोनस शामिल होगा। उन्होंने आज पणजी, गोवा में भारत के 54वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपने उद्घाटन भाषण में यह बात कही।
ठाकुर ने कहा कि भारत के आकार और विशाल क्षमता को देखते हुए देश में मध्यम व बड़े बजट की अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं को आकर्षित करने के लिए उच्च प्रोत्साहन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने में यह आदर्श बदलाव कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए भारत की प्रतिबद्धता और समर्थन के प्रमाण के रूप में कार्य करता है तथा सिनेमाई प्रयासों के लिए पसंदीदा गंतव्य-स्थल के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करता है।”
उन्होंने कहा कि यह घोषणा विदेशी फिल्म निर्माण को सुव्यवस्थित करने और भारत में व्यापार करने में आसानी’ सुनिश्चित करने के प्रयासों का भी हिस्सा है। भारत द्वारा पिछले साल कान्स में विदेशी फिल्मों के निर्माण के लिए प्रोत्साहन योजना की घोषणा की गई थी, जिसमें देश में फिल्म निर्माण के लिए किए गए खर्च का 30 प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति की पेशकश की गई थी, जो 2.5 करोड़ रुपये तक सीमित थी।
भारत में मीडिया-मनोरंजन उद्योग बढ़ रहा सालाना 20%
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, फिल्म बाजार के उद्घाटन पर मैं कह सकता हूं कि भारत में मीडिया और मनोरंजन उद्योग की वृद्धि सालाना 20 फीसदी है। आज हम दुनिया के पांच सबसे बड़े बाजारों में से एक हैं। भारत का फिल्म उद्योग न केवल दक्षिण-पूर्व एशिया में बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़े बाजारों में से एक है।
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75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो’, अब अपने तीसरे संस्करण में है, उसकी शुरुआत 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना से हुई थी, ताकि युवाओं को सिनेमा के माध्यम से अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “इस साल, 10 श्रेणियों में लगभग 600 प्रविष्टियों में से, 19 राज्यों से 75 युवा फिल्म निर्माताओं को चुना गया है, जिनमें बिष्णुपुर, जगतसिंहपुर और सदरपुर जैसे दूरदराज के इलाके भी शामिल हैं।”