दिलीप टंडन/ रीडर्स फर्स्ट न्यूज सारंगढ़ जिले के कोठीखोल क्षेत्र मे गैर आदिवासियों के द्वारा आदिवासियों की जमीन की खरीद-फरोख्त करने का षडयंत्र भूमाफियाओं के द्वारा फिर से किया जा रहा है। सन 2008-से 2012 के बीच में डोंगरीपाली क्षेत्र के ग्राम कोकबहाल, पतेरापाली,झाल,आमापाली, जामदलखा,कदलीसरार,बेहरा बहाल ,सोनबला,डुमरपाली, भालूपानी,रंगाडीह,घोघरा, धौरादरहा , जैसे कई गांवों में सरकारी आबंटन जमीन, कोटवारी जमीन ,डुबान ज़मीन एवं आदिवासी जमीन को सौ एकड़ से भी ज्यादा को भू माफिया द्वारा फर्जी तरीके से जाति कोंध अनुसूचित जनजाति को कोद बताकर गैर अनुसूचित जाति बनाया गया और रायपुर,रायगढ़ के उधोगपति के नाम पर खरीदी बिक्री कराया गया है। जबकि कोंध,व कोद , एक ही जाति हैं। जो अनुसूचित जन जाति में आते हैं।गैर अनुसूचित जाति के जमीन को फर्जी तरीके से दूसरे महिलाओ को रजिस्टार में खड़ा कराकर जमीन रजिस्ट्री करा लिया गया है। एवं एक ही जमीन को कई बार बेचने का कारोबार जोरो से चल रही है। जमीन हड़पने के लिए बड़ा गिरोह भूमाफियाओं के साथ मिलकर बेधड़क खरीद फरोख्त कर रहा है। छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता की धारा 165 के मुताबिक किसी भी आदिवासी भू-स्वामी की जमीन खरीदने के लिए जिला कलेक्टर की अनुमति आवश्यक है। लेकिन इस मामले में इस कानून का भी व्यापक रूप से उल्लंघन हुआ है।प्राप्त जानकारी के अनुसार बरमकेला तहसील के अंतर्गत ग्राम घोघरा के कोटवारी जमीन को कलेक्टर की बिना अनुमति से भेज दिया गया है यह भू माफिया सरकार को भी चुना लगाने में कोई कसर नही छोड़े है।