Lecture series on Punyashlok Ahilyabai Holkar concluded
संस्कार भारती जिला इकाई रायगढ़ द्वारा होटल आशीर्वाद के सभागार में25 दिसंबर को राजमाता पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर जी पर आधारित व्याख्यान माला का आयोजन किया गया । सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन पश्चात उपस्थित सभी अतिथियों एवं सम्मानित जनों का अक्षत तिलक लगाकर स्वागत किया गया तत्पश्चात ध्येय गीत के बाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विभाग प्रचारक डॉ. राजकुमार भारद्वाज जी ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला रायगढ़, विशिष्ट अतिथि सह जिला संचालक सम्मानीय श्री विनोद अग्रवाल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गरिमामय उपस्थिति में रायगढ़ के चार विशिष्ट वक्ताओं द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए ।
प्रथम वक्ता के रूप में
डाॅ विक्रांत गुप्ता जी बटमूल कालेज ने अहिल्याबाई होल्कर के संपूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला। वहीं पत्रकार श्री भानू प्रताप मिश्रा जी ने यह बताया कि किस तरह आज से 300 वर्ष पहले विपरित परिस्थितियों में भी एक महिला शासिका ने अद्भुत और चुनौतीपूर्ण कार्य किए। वहीं साहित्यकार श्री हरेन्द्र डनसेना जी ने अपने वक्तव्य मे बताया कि किस तरह महारानी अहिल्याबाई बाई होल्कर जी न्यायप्रिय थीं और महिलाओं की सशक्तिकरण पर जोर दिया और प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया । अंतिम वक्ता के रूप में जानकी काॅलेज से आदरणीया शांति महंत जी ने बताया कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर बहुत ही धैर्यवान और समझदारी से राज्य के विकास को आगे बढ़ाया और जिस होशियारी से उन्होंने राजकाज किया जिससे वो इतिहास के पन्नों पर अमर हो गईं ।
मुख्य आतिथ्य के आंसदी से सभी वक्ताओं को समग्रता का रुप देते हुए आदरणीय राजकुमार भारद्वाज जी ने बताया कि किस तरह उस जमाने में भी महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी की सोंच और कार्यों ने उन्हे महान बनाया । अगर हम आज उनके गुणों को अपना लें तो यह सनातन संस्कृति और हिंदुत्व की जीत होगी ।
इसी कार्यक्रम में बिलासपुर से पधारीं गीतिका ठेठवार जी द्वारा बांसुरी वादन की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। बाद में उपस्थित सभी साहित्यकारों ने अहिल्याबाई होल्कर पर आधारित रचनाओं से खूब वाहवाही बटोरी। सभी वक्ताओं और अतिथियों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्तिपत्र, फूल के पौधे देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन गौरव मोरकर और ओज कवि डॉ गुलशन खम्हारी द्वारा किया गया, अंत मे आभार प्रदर्शन अध्यक्ष श्री मनोज श्रीवास्तव जी द्वारा किया गया ।