बीजापुर@रामचन्द्रम एरोला – विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र बीजापुर में आयोजित की गई। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्यक्रम में किसान और महिला समूह और FPO की समूह ने बढ़कर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के के वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । इस कार्यक्रम में जिले के कृषि विभाग, उद्यान विभाग और रेशम विभाग ने भी सहभागिता निभाई। इस अवसर पर मृदा दिवस का कार्यक्रम एवं चलित प्रस्तुति कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में आयोजित की गई। कार्यक्रम में मृदा स्वास्थ्य और मृदा उर्वरकों में रसायनों का दुष्प्रभाव पर विभिन्न विभागों के अतिथियों एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख अरुण सकनी ने मृदा की महत्व और पोषक मूल्य पर प्रकाश डालते हुए इसके स्वास्थ्य – संवर्धन और प्रबंधन करने पर जोर दिया । तो वहीं कृषि विभाग के DDA प्रताप कुसरे ने मृदा परीक्षण के अनुरूप बेहतर प्रबंधन करते हुए रासायनिक वर्गों के संतुलित प्रयोग पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि बीजापुर जिला में अभी रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग अभी संतुलित है, अतः इसे बेहतर ढंग से प्रबंधित करने की जरूरत है। उद्यानिकी विभाग से रमेश मरकाम ने उद्यान की फसलों में रासायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रबंधन करने के साथ जैविक उर्वरक के प्रयोग पर बल दिया । साथ ही एफपीओ समूह के अधिकारी रजिया बेगम ने फसलों की बेहतर आमदनी एवं बाजार पर उत्पादन हेतु लोगों को एफपीओ से जुड़कर फसल उत्पादन करने पर जोर दिया। सहकारिता अधिकारी सूरज सिंह ने किसानों के लिए रीढ़ उपलब्धता के स्रोत के संबंध में जानकारी दी और किसानों को इससे बढ़कर लाभ उठाने को प्रेरित किया।
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जिले के प्रगतिशील कृषक एग्नूइस तिर्की ने किसानों को अपने खेत में रासायनिक उर्वरक खाद के संतुलित उपयोग और मृदा परीक्षण आधारित फसल खाद्य पद्धति को अपनाने हेतु प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक बीके ठाकुर, डॉ. कन्हैया लाल पटेल भीरेंद्र पालेकर, अरविंद आयाम, डॉ. दिनेश मरापी आदि ने योगदान दिया। साथ ही भुवनेश्वर लिंगम, राजेंद्र ध्रुव और दुर्गेश नाविक एवं तेजस कुमार ने भरपूर सहयोग दिया।