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संसद सुरक्षा चूक मामले में गृह मंत्रालय ने गठित की जांच कमेटी, घुसपैठिए को पकड़ने पहुंची स्पेशल सेल की टीम

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Home Ministry formed investigation committee in Parliament security lapse case, Special Cell team reached to catch the intruder.

संसद की सुरक्षा में चूक के बाद एक उच्‍चस्‍तरीय जांच कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया है. लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर गृह मंत्रालय संसद भवन सुरक्षा चूक मामले की जांच करेगा. गृह मंत्रालय ने इस बाबत एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (DG) करेंगे

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पास संसद के बाहरी लेयर की सुरक्षा का जिम्मा है. हथियारबंद सीआरपीएफ जवान संसद भवन परिसर में मौजूद रहते हैं. संसद भवन के भीतर इनकी एंट्री नहीं होती. अन्य एजेंसियों के साथ संसद की सुरक्षा से जुड़ी हर योजना बनाने में सीआरपीएफ ही लीड एजेंसी होती है. सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) अनीश दयाल हैं. उनके पास डीजी सीआरपीएफ का अतिरिक्त प्रभार है. वो भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के डीजी भी हैं.

कैसे बनाया संसद में सेंधमारी का प्लान?
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि संसद में सेंधमारी करने वाले सभी आरोपी सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़े हुए थे. आरोपियों ने तकरीबन डेढ़ साल पहले कर्नाटक के मैसूर में मुलाकात की थी. नौ महीने बाद सभी एक बार फिर से मिले और तभी संसद में घुसपैठ का प्लान बनाया गया था. मार्च में बजट सत्र के दौरान बेंगलुरू से मनोरंजन आया और उसने विजिटर्स पास लेकर संसद भवन की पूरी रेकी की थी.

अमोल महाराष्ट्र से कलर वाला पटाखा लेकर आया था. 13 दिसंबर को सुबह लगभग 9 बजे महादेव रोड से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के पीए से विजिटर्स पास कलेक्ट किया गया. इसके बाद सभी आरोपी इंडिया गेट पर मिले, जहां सभी को कलर वाला कैंडल बांटा गया. दोपहर 12 बजे दोनों आरोपी संसद भवन के अंदर दाखिल हुए. ललित झा बाहर हंगामे का वीडियो बना रहा था. वह मामला बढ़ता देख सभी के मोबाइल फोन लेकर भाग गया.

विजिटर गैलरी में लगाए जाएंगे कांच के शीशे
लोकसभा सचिवालय की तरफ सुरक्षा में चूक प्रकरण के बाद एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसके तहत सांसदों को स्मार्ट एक्सेस कार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इसके अलावा संसद परिसर में मीडिया ब्रीफिंग का भी एक खास पॉइंट निर्धारित किया गया है. सुरक्षा निर्देश में यह भी कहा गया है कि सभी सांसद फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद संसद परिसर में दाखिल हों. लोकसभा और राज्‍यसभा की विजिटर गैलरी में कांच के शीशे लगाए जाएंगे ताकि फिर कभी कोई विजिटर पहली मंजिल से छलांग लगाकर संसद की कार्यवाही के बीच में न कूद सके.

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