Sushasan Tihaar: From system to trust, Anjali Yadav’s life changed
रायपुर / छत्तीसगढ़ में सुशासन अब एक पहल भर नहीं, बल्कि ज़िंदगी में खुशहाली लाने का कारगर माध्यम बन चुका है। इसका ज्वलंत उदाहरण है, कबीरधाम जिले के विकासखंड पंडरिया के ग्राम घोबघट्टी की कुमारी अंजली (सरिता) यादव, जिनके जीवन में सुशासन तिहार उम्मीद की किरण बनकर आया है। वर्षों से आवागमन की परेशानी झेल रही अंजली आज आत्मविश्वास से भरपूर हैं, और इसकी वजह है, उन्हें मिली ट्रायसाइकिल, जो अब उनके जीवन का सहारा बन गई है।

सुशासन तिहार के दौरान अंजली ने समाधान पेटी में ट्रायसाइकिल की मांग को लेकर आवेदन किया था। कुछ ही दिनों में उनकी यह मांग पूरी हो गई। बिना किसी लंबी प्रक्रिया, सिफारिश या भागदौड़ के सीधे ट्रायसाइकिल उनके द्वार तक पहुँची। यह सफलता केवल अंजली की नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के उस विज़न की भी है, जिसके अंतर्गत सुशासन तिहार की कल्पना की गई। इस अभियान का उद्देश्य शासन की योजनाओं को ज़रूरतमंदों तक सरलता से, पारदर्शिता के साथ और मानवीय संवेदनाओं के साथ पहुँचाना है। अंजली कहती हैं कि पहले गाँव से बाहर निकलना मुश्किल था। लेकिन अब ट्रायसाइकिल से न केवल बाहर जाना आसान हुआ है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का हौसला भी मिला है।
जिला प्रशासन द्वारा सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक ने बताया कि अंजली के आवेदन में की गई मांग को पूरा करते हुए उन्हें ट्रायसाइकिल प्रदान की गई।