Chhattisgarh Arya Pratinidhi Sabha expressed gratitude by honouring Gurukul Acharyas, took blessings from Swami Dharmanand Saraswati
महर्षि दयानंद जयंती अवसर पर आयोजित महासम्मेलन के पश्चात विशेष सम्मान समारोह, गुरुकुलों के योगदान की हुई सराहना

रायपुर।
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज की 150वीं स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में रायपुर में आयोजित “200 कुण्डीय धर्म रक्षा महायज्ञ” और “सनातन संस्कृति महासम्मेलन” की भव्य सफलता के पश्चात, छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा एक विशेष सम्मान एवं आभार कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सभा के प्रधान डॉ. राम कुमार पटेल ने व्यक्तिगत रूप से विभिन्न गुरुकुलों और आश्रमों में जाकर वैदिक आचार्यों, संचालकों और संन्यासियों से भेंट की। इस दौरान उन्होंने स्वामी धर्मानंद सरस्वती जी से विशेष आशीर्वाद प्राप्त किया और सभी को स्मृति चिन्ह प्रदान कर आर्य समाज के इस ऐतिहासिक आयोजन में उनके योगदान के लिए हार्दिक आभार जताया।
डॉ. पटेल ने आश्वस्त किया कि भविष्य में भी इस प्रकार का सहयोग एवं मार्गदर्शन गुरुकुलों से अपेक्षित रहेगा। उन्होंने वैदिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार में गुरुकुलों की भूमिका को अमूल्य बताया और कहा कि आर्य समाज की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाने में इन संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
डॉ राम कुमार पटेल ने इनका आभार व्यक्त करते हुए किया सम्मान
स्वामी धर्मानंद सरस्वती, आमसेना गुरुकुल महाविद्यालय, जिला नुआपड़ा, ओडिशा
आचार्य शारदा जी, महर्षि दयानंद कन्या गुरुकुल, गुंचा पाली, जिला बारगढ़, ओडिशा
आचार्य अनंत जी, गोगाश्रम गुरुकुल, नरसिंह नाथ, पाइकमाल जिला बारगढ़, ओडिशा
आचार्य भगवान देव, नव प्रभात वैदिक विद्यापीठ व स्वरज्योति कन्या गुरुकुल, नूआपाली, जिला बारगढ़, ओडिशा
आचार्य सुदर्शन जी एवं प्रधानाचार्य डॉ. दिलीप जी, जुनानी, पोस्ट गोड़फूला हरिपुर गुरुकुल, जिला नुआपड़ा, ओडिशा
इस सम्मान समारोह के माध्यम से छत्तीसगढ़ आर्य प्रतिनिधि सभा ने न केवल गुरुकुलों की भूमिका को रेखांकित किया, बल्कि सनातन संस्कृति एवं वेद परंपरा के संरक्षकों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित कर एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।