Joy of light in dense forests: Electricity reached 17 forest villages
मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना बनी ग्रामीणों के जीवन में नई उम्मीद की किरण

रायपुर / छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित घने वनों के बीच बसे मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के 17 वनग्रामों में पहली बार बिजली पहुंची है। यह केवल उपलब्धि नहीं, बल्कि एक बड़ी उपलब्धि है, जिसने इन ग्रामों के निवासियों के जीवन में आशा और उजाले का संचार किया है।
मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 3 करोड़ रुपये की लागत से कातुलझोरा, कट्टापार, बोदरा, बुकमरका, संबलपुर, गट्टेगहन, पुगदा, आमाकोड़ो, पीटेमेटा, टाटेकसा, कुंदलकाल, रायमनहोरा, नैनगुड़ा, मेटातोडके, कोहकाटोला, एडसमेटा एवं कुंजकन्हार जैसे अत्यंत दुर्गम गांवों में बिजली पहुंचाने का सपना साकार हुआ। इन इलाकों तक पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण था। दुर्गम पहाड़ियों, सघन वनों और नक्सल खतरे के बीच कार्य को अंजाम देना किसी मिशन से कम नहीं था।
जब गांवों में पहली बार ट्रांसफार्मर से बिजली की रौशनी फूटी, तब ग्रामीणों की आंखों में खुशी थी। कुछ गांवों में बच्चों ने नृत्य किया, तो कहीं बूढ़े-बुजुर्गों ने पटाखे फोड़कर अपनी खुशी जाहिर की। यह वह पल था, जिसका उन्होंने दशकों से इंतजार किया था। इन वनग्रामों के 540 परिवार अब तक सौर ऊर्जा और लालटेन पर निर्भर थे। कई गांवों में सौर प्लेट या तो चोरी हो गए थे या खराब हो चुके थे, जिससे लोगों की रातें सिर्फ काली और भयावह थी। अब 275 परिवारों को बिजली कनेक्शन मिल चुका है और बाकी बचे परिवारों के घरों में बिजली कनेक्शन लगाया जा रहा है।
कार्यपालक निदेशक द्वारा ग्राम टाटेकसा में स्थापित 25 केवीए ट्रांसफार्मर को चार्ज कर चालू किया गया। इस कार्य में 45 किमी लंबी 11 केवी लाइन, 87 निम्नदाब पोल और 17 ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं। कार्यपालक निदेशक श्री सेलट ने बताया कि इन दुर्गम गांवों तक 11 केवी लाइन बिछाने के लिए वन विभाग से एनओसी प्राप्त करने से लेकर उपकरणों की ढुलाई का काम चुनौतीपूर्ण था। मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के संकल्प और समर्पित तकनीकी टीम के प्रयासों से यह कार्य संभव हो पाया।