‘Chief Minister missing for the first time’, BJP announces reward for information
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले 40 घंटो से लापता है। मुख्यमंत्री के इस तरह से गायब हो जाने को लेकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने प्रदेश के होम सेक्रेटरी अविनाश कुमार, डीजीपी अजय कुमार चीफ सेक्रेटरी एल ख्यानते को राजभवन बुलाया है।
इधर भाजपा ने दावा किया है कि जांच एजेंसी से बचने के लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भगोड़ा हो गए हैं। भाजपा ने उनकी सुरक्षा को खतरा बताते हुए सीएम का पता बताने वालों के लिए इनाम का ऐलान किया है।
‘सीएम सोरेन को ढूंढने वाले को 11 हजार का इनाम’
भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने X पर लिखा कि झारखंड के लोगों से अपील- हमारे राज्य के मुख्यमंत्री केंद्रीय एजेंसियों के डर के मारे पिछले चालीस घंटे से लोकलाज त्याग कर लापता हैं और चेहरा छिपाकर भागे भागे फिर रहे हैं…यह न सिर्फ मुख्यमंत्री की निजी सुरक्षा के लिये खतरा है बल्कि झारखंड की साढ़े तीन करोड़ जनता की सुरक्षा, इज्जत, मान-सम्मान भी खतरे में है। जो कोई भी बिना विलम्ब हमारे इस ‘होनहार’ मुख्यमंत्री को सकुशल खोजकर लाएगा उसे मेरी तरफ से ग्यारह हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा।’
वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लिखा, ‘आज झारखंड के लोगों का मान सम्मान हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने लापता होकर मिट्टी में मिला दिया।’ उन्होंने हेमंत सोरेन का एक पोस्टर भी साझा किया जिस पर लिखा है. ‘पहली बार, मुख्यमंत्री लापता।’
गुमशुदा का पोस्टर जारी
सीएम हेमंत सोरेन पर झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि सीएम को ढूंढकर लाने वाले को हम 11 हजार रुपये का इनाम देंगे। साथ ही भाजपा के X हैंडल से सीएम सोरेन की गुमशुदगी का पोस्टर भी जारी किया गया है। पोस्टर में लिखा है- गुमशुदा की तलाश, झारखंड के सीएम। नाम- हेमंत सोरेन, रंग सांवला, कद 5 फुट 2 इंच, कपड़ा सफेज शर्ट, काला पैंच और पैर में चप्पल। पोस्ट में कहा गया है कि सोरेन परसों रात 2 बजे यानी की 40 घंटों से लापता हैं। आखिरी बार 2 बजे रात में पैदल निकलते, सुरक्षाकर्मियों द्वारा देखे गए हैं। जिन महानुभाव को इनका जानकारी मिले शीघ्र दिए गए पते पर सूचित करें। जानकारी देने वाले को 11000 रुपए इनाम। पता- सीएम आवास, रांची।
सीएम सोरेन ने ईडी को लिखा पत्र
वहीं सीएम हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने बताया है कि 2 फरवरी से बजट सत्र शुरु हो रहा है ऐसे में वो बजट की तैयारियों में व्यस्त हैं. पत्र में लिखा गया है 31 जनवरी या उससे पहले ईडी का बयान दर्ज कराने का आग्रह करना दुर्भावनापूर्ण है. इससे जाहिर होता है कि इसका उद्देश्य राज्य सरकार के कामकाज को बाधित करने उसे अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोकना है, जो एक राजनीतिक एजेंडे को उजागर करता है.