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24 घंटे में केजरीवाल को झटके पर झटका,दिल्ली CM की ये मांग भी हुई खारिज,वकीलों से हफ्ते में 5 बार मुलाकात की मांग ठुकराई

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Within 24 hours, Kejriwal got blow after blow, this demand of Delhi CM was also rejected, demand to meet lawyers 5 times a week was rejected.

 

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दिल्‍ली के कथ‍ित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गुरुवार को राउज एवेन्‍यू कोर्ट से उन्‍हें तगड़ा झटका लगा है. दिल्‍ली की निरस्‍त आबकारी मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल ने अपने वकीलों से सप्‍ताह में 5 बार मिलने की इजाजत मांगी थी. ट्रायल कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लंबी पूछताछ के बाद दिल्‍ली की निरस्‍त आबकारी नीति मामले में सीएम केजरीवाल को पिछले महीने गिरफ्तार किया था.बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनको 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी में तिहाड़ के एक बैरक में रखा गया है।

राउज एवेन्यू कोर्ट से भी केजरीवाल को झटका
इस बीच, बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी अरविंद केजरीवाल को झटका दिया। केजरीवाल ने हफ्ते में पांच बार अपने वकीलों से मुलाकात करने की मांग की थी। कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।

केजरीवाल ने की ये थी मांग
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में अपने वकीलों से से हफ्ते में पांच बार मिलने की अनुमति मांगी थी। फिलहाल जेल मैनुअल के हिसाब से हफ्ते में उन्हें अभी दो बार वकीलों से मुलाकात की अनुमति है।

दिल्ली की सीएम की याचिका पर 5 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले दिल्ली की अदालत ने अरविंद केजरीवाल को जेल में इलेक्ट्रिक केतली, मेज, कुर्सी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका

बता दें कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उन्होंने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया था. हालांकि, सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और कहा कि जांच एजेंसी द्वारा की गई केजरीवाल की गिरफ्तारी गलत नहीं है. आइए आपको बताते हैं कि एक दिन पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्या-क्या कहा था.

केजरीवाल की याचिका पर कोर्ट ने क्या कहा?

> दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका जमानत के लिए नहीं है, बल्कि हिरासत को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी गलत है.

> जमा किए गए सबूतों से पता चलता है कि केजरीवाल ने दूसरों के साथ मिलकर साजिश रची और रिश्वत लेने और अपराधिक आय जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल थे. केजरीवाल बतौर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक कथित तौर पर 2 तरह से इस पूरे मामले में शामिल थे. वह व्यक्तिगत रूप से शराब नीति बनाने और रिश्वत के पैसे जुटाने में शामिल थे.

> गवाहों के बयान अदालत के समक्ष दर्ज किए गए थे. अप्रूवर के बयानों और माफी देने पर सवाल उठाना न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने जैसा होगा. जांच किसी व्यक्ति के सुविधा के अनुसार नहीं चल सकती है. जांच के दौरान किसी के घर जा सकती है.
> गिरफ्तारी की वैधता पर HC ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी और रिमांड के कानून पर विचार करते हुए केजरीवाल की गिरफ्तारी की जांच करनी होगी.

> केजरीवाल की चुनाव की घोषणा के बाद हुई गिरफ्तारी वाले तर्क पर कहा कि इस तर्क को स्वीकार करने का मतलब होगा कि अगर चुनाव के समय गिरफ्तारी नहीं हुई होती तो इसे चुनौती नहीं दी जा सकती थी.

> कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास बहुत सारे सबूत हैं. इसमें हवाला डीलरों के बयान, अप्रूवर्स के बयान, इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सदस्यों के बयान भी मैजूद हैं, जिन्होंने कहा है कि उसे गोवा चुनाव में खर्च के लिए पैसे दिए गए थे. यह गोवा चुनाव के संबंध में मनी ट्रेल को पूरा करता है. केजरीवाल की गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है और दिल्ली सीएम के रिमांड को अवैध नहीं कहा जा सकता है.

> हाई कोर्ट ने कहा याचिकर्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में गिरफ्तार हुए है. मुख्यमंत्री समेत किसी को भी कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता. जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो, उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है.

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