प्ले स्टोर में सही एप्प है PMKISAN GoI पीएमकिसान जीओआई
दिलीप टंडन/रीडर फर्स्ट न्यूज रोज-रोज ठगों ने मोबाइल से ठगने के नये नए पैतरा अजमाकर समाज के सभी वर्गों, किसानों, महिलाओं, बच्चों सभी को परेशान कर रखा है। ताजा मामला ‘‘पीएम किशान’डॉट एपीके का है। इससे एप्प से 25 मई को ठगी हुए व्यक्ति ने केशकाल पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराया है। अनजान व्यक्ति द्वारा किसी भी मोबाइल धारक के व्हाटसअप में पीएम किसान (PM KISHAN.apk) को खोलने पर इंग्लिश में लिखा होता है-दिस एप्लीकेशन (एपीके) फाइल माइट कंटेन अनसेफ कंटेंट। मेक श्योर यू ट्रस्ट द सेंडर बीफोर यू ओपन एंड इंस्टाल इट अर्थात यह चेतावनी दे रहा और कहा रहा है कि यह एप्लीकेशन फाइल मोबाइल के डाटा के लिए असुरक्षित है। इस फाइल को खोलने या इंस्टाल करने से पूर्व भेजने वाले पर विश्वास होना चाहिए। पिछले दो तीन दिनों से यह विभिन्न मीडिया ग्रुप में और ठग के द्वारा शेयर किया जा रहा है। एडमिन के द्वारा किसी भी ग्रुप में ऐसे व्यक्ति को चिन्हांकित कर भी हटाया जा सकता है ताकि इनके झांसे में आकर किसी भावी भविष्य में जरूरी कार्यों के लिए रखे उनके बैंक खाता में जमा राशि की सुरक्षा की जा सके।
सावधानी
किसी भी एप्प यदि मोबाइल में दिखता है तो सबसे पहले प्ले स्टोर में उस एप्प को जांच करें और देखें कि मोबाइल में आए इस एप्प और प्ले स्टोर के एप्प में अंग्रेजी के अक्षरों में क्या अन्तर है जैसे इस फर्जी पीएम किसान में PM KISHAN है (पीएम स्पेस किशान) जबकि प्ले स्टोर में पीएमकिसान जीओआई PMKISAN GoI है। इस प्रकार सूक्ष्म एक अक्षर, स्पेस, डॉट आदि से ठगी करने वाले टेक्निकल शातिर ठगों के झांसे में लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
ठगी से बचने के बेस्ट उपाय-बैंक खाता से जुड़े मोबाइल नंबर का उपयोग सावधानी से करें
किसी भी ठगी से बचने का बेस्ट उपाय ‘‘किसी भी व्यक्ति के बैंक खाता से जुड़े मोबाइल नंबर का उपयोग किसी भी एप्प को इंस्टाल करने और ओटीपी के लिए नहीं करना चाहिए। उदाहरण- यदि कोई व्यक्ति ऐसे ठगी करने वाले फर्जी एप्प को उस मोबाइल नंबर जो बैंक खाता से नहीं जुड़ा है उससे इंस्टाल करेगा तो ठग उसके बैंक खाता तक पहुंच ही नहीं पाएगा और ठगी से बच सकते हैं।
यदि कोई व्यक्ति दो मोबाइल नंबर का उपयोग करता है तो जब तक जरूरी नहीं हो तब तक बैंक खाता से जुड़े मोबाइल का उपयोग इंटरनेट चलाने के लिए नहीं करें। मोबाइल डाटा आदि सामान्य मोबाइल नंबर से करें। खास बात यह है कि ऐसे मोबाइल धारक जो इंटरनेट नहीं चलाते उनके मोबाइल में ये मैसेज नहीं आते और वो सुरक्षित हैं। ऐसे इंटरनेट से व्हाटसअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि से आने वाले फर्जी मैसेज से। बच्चे सहित किसी भी व्यक्ति को ऐसे मोबाइल का उपयोग करने के लिए देना चाहिए जिस मोबाइल नंबर से व्यक्ति का बैंक खाता नही जुड़ा है। इससे रिश्ते में मोबाइल के उपयोग के लिए व्यावहारिकता भी निभायाजाएगा और ठगी होने के चांस भी कम होंगे। अक्सर देखा जाता है कि कब न जाने कौन आदमी मोबाइल मांगकर किस मोबाइल नंबर पर पैसा ट्रांसफर के लिए ओटीपी दे दे।ऐसे अनजान ऐप या व्यक्ति को कभी भी ओ टी पी नही देना चाहिए