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Modi Surya Arghya: धोती पहने और शाल ओढ़े भगवती अम्मन मंदिर में की पूजा-अर्चना कन्याकुमारी में पीएम मोदी ने दिया सूर्य अर्घ्य,

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Modi Surya Arghya: Wearing a dhoti and a shawl, PM Modi offered Surya Arghya in Kanyakumari, performed puja at the Bhagavathi Amman temple.

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल के पास सूर्य देव को अर्घ्य दिया और उसके बाद दो दिन की ध्यान साधना शुरू कर दी. हिंदू धर्म में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है, जिसमें जल से अर्घ्य देना महत्वपूर्ण माना जाता है. छठ पर्व में उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके अलावा आप ने अपने आस-पास भी किस न किसी को सूर्य देव को अर्घ्य देते हुए देखा होगा. आखिर सूर्य देव को अर्घ्य देने से क्या लाभ होता है?

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सूर्य को क्यों देते हैं अर्घ्य?

श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी बताते हैं कि सनातन धर्म में सूर्य देव को साक्षात् देव माना जाता है, वहीं ज्योतिषशास्त्र में सूर्य ग्रहों के राजा हैं. सूर्य को दुनिया की आत्मा कहा गया है. उसके बिना जीवन संभव नहीं माना जाता है. इस समय ज्येष्ठ माह में सूर्य रवि नाम के और रोहिणी नक्षत्र में हैं. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य प्रभावी यानी मजबूत स्थिति में होता है, वे लोग राजा के समान जीवन व्यतीत करते हैं या बहुत बड़े पद पर होते हैं. जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है या सूर्य दोष होता है, उन पर उसका अशुभ प्रभाव पड़ता है. उस दोष को दूर करने और सूर्य के शुभ प्रभाव की प्राप्ति के लिए अर्घ्य दिया जाता है.

पीएम मोदी ने की अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना

मालूम हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ की गुफा में ध्यान लगाया था। इससे पूर्व दोपहर बाद धोती और सफेद शाल ओढ़े मोदी ने अम्मन मंदिर में प्रार्थना की और गर्भगृह की परिक्रमा की। पुजारियों ने एक विशेष आरती की और उन्हें मंदिर का प्रसाद दिया, जिसमें एक शाल और मंदिर के मुख्य देवता की एक फ्रेमयुक्त तस्वीर शामिल थी।

पीएम मोदी ने शुरू किया ध्यान

इसके बाद मोदी रॉक मेमोरियल पहुंचे और ‘ध्यान मंडपम’ में अपना ध्यान शुरू किया। ध्यान शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी कुछ देर के लिए मंडपम की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर खड़े रहे, वहां से स्मारक के चारों ओर से समुद्र का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है। एक जून को ध्यान समाप्ति के बाद कन्याकुमारी से प्रस्थान करने से पहले मोदी संभवत: स्मारक के बगल में स्थित तमिल कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा देखने भी जाएंगे।

सुरक्षा में लगे 2,000 पुलिसकर्मी

इस बीच, स्वामी विवेकानंद के नाम पर बने प्रसिद्ध स्मारक पर मोदी के 45 घंटे के ध्यान लगाने के कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 2,000 पुलिसकर्मियों के साथ-साथ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं। यही नहीं, भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना भी समुद्री सीमाओं पर निगरानी बनाए रखे हुए हैं।

स्वामी विवेकानंद की याद में बनाया गया है स्मारक

यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री स्मारक पर ठहरेंगे। यह स्मारक स्वामी विवेकानंद की याद में ही बनाया बनाया गया है, जिन्होंने देशभर का दौरा करने के बाद 1892 के अंत में समुद्र के अंदर इन चट्टानों पर तीन दिन ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था।

नौतपा में सूर्य अर्घ्य सबसे उत्तम

ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी कहते हैं कि इस समय नौतपा चल रहा है, इस दौरान सूर्य देव अपने उच्च स्तर होते हैं. यदि आप नौतपा में प्रात:काल के समय सूय देव को अर्घ्य देते हैं तो वह ज्यादा प्रभावी और फलदायी माना जाता है. इससे आपको करियर में तरक्की मिलेगी. आप जिस भी क्षेत्र में होंगे, उसमें शीर्ष पर पहुंचने के योग बनेंगे.

सूर्य का राजनीति से है बड़ा संबंध

जो लोग राजनीति से जुड़े होते हैं, उनके लिए सूर्य का बड़ा महत्व हैं क्योंकि सूर्य राजा हैं. राजनेताओं के लिए सूर्य का मजबूत होना बहुत जरूरी है. यदि सूर्य मजबूत होगा, तभी आपको उच्च पद और यश की प्राप्ति हो पाएगी. आपका मनोबल, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति चट्टान की तरह मजबूत होगा. इस वजह से ही आप बड़े फैसले कर पाने में सक्ष्म होंगे. कठिन से कठिन परिस्थितियों पर भी विजय हासिल करने में सफल हो पाएंगे.

सूर्य अर्घ्य देने के 5 फायदे

1. यदि आप सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं तो कार्यक्षेत्र में सफलता के योग बनेंगे. नौकरी के क्षेत्र में आपके पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है.

2. सूर्य को प्रतिदिन जल अर्पित करने से आप निरोगी रहते हैं. मान्यता है कि सूर्य पूजा करने से त्वचा संबं​धी रोग नहीं होते हैं.

3. सूर्य अर्घ्य देने से आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति मजबूत होती है.

4. सूर्य अर्घ्य के साथ भगवान भास्कर की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है.

5. सूर्य देव की कृपा से व्यक्ति के जीवन में धन और धान्य की कभी कमी नहीं होती है.

 

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