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नौकरी के नाम पर बिहार में ‘अय्याशी’, लोग न जोड़ने पर पीटते- रेप करते…’ सामने आई नेटवर्किंग वाली लड़की, नौकरी के नाम पर चल रहा था टॉर्चर

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‘Debauchery’ in the name of job in Bihar, people beat and rape if not added…’ A girl from networking came forward, torture was going on in the name of job

बिहार के मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र के बखरी में एक फर्जी नेटवर्किंग कंपनी में लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर यौन शोषण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में थाने में केस दर्ज करने के बाद जहां पुलिस आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी है. वहीं इस घटना से जुड़े मारपीट के वायरल वीडियो में दिखने वाली पीड़िता ने घटना से जुडी तमाम बातों का खुलासा किया है.

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पीड़िता ने बताया कि फेसबुक के माध्यम से पहले हरेराम सर से दोस्ती हुई, उसके बाद मैसेंजर पर चैट हुआ. उन्होंने नौकरी का प्रलोभन दिया, हाजीपुर में चलने वाले DVR कम्पनी में डॉक्यूमेंट और 20500 रूपये लेकर बुलाया गया. मौसी से कर्ज लेकर पीड़िता ने हाजीपुर में रामाशीष चौक के निकट ज्वाइन किया. लेकिन, वहां काम के बजाए उन्हें साईकोलॉजी पढ़ाया जाने लगा. उन लोगों को कंविंस करने का तरीका सिखाया जाने लगा. नौकरी के नाम पर लोगों को जोड़ने का तरीका सिखाया जाने लगा. पीड़िता ने बताया उसने भी अपने माध्यम से 21 लोगों को जोड़ा, जिनसे कम्पनी ने 20500 रूपए ले लिए. इस काम के बदले किसी को सैलरी नहीं मिलती थी. बस कहा जाता था कि 15500 रूपए महीना मिलेंगे. वहीं जो लड़कियां नहीं जोड़ पाती थी उन्हें मारा पीटा जाता था.

जबरदस्ती युवती से किया विवाह

इसी बीच अहियापुर स्थित संस्था के कथित दफ्तर और हॉस्टल पर पुलिस की छापेमारी हुई, जहां पर से बहुत सी लड़कियों को पुलिस ने छुड़ाया भी, लेकिन छापेमारी की भनक मिल जाने से सीएमडी तिलक सिंह ने उसे और अन्य लोगों को हाजीपुर शिफ्ट करा दिया. जहां उसके साथ जबरदस्ती तिलक सिंह ने विवाह कर लिया. पीड़िता का कहना है कि मुजफ्फरपुर रहते हुए भी तिलक सिंह ने उसके साथ जोर जबरदस्ती कर शारीरिक संबंध बनाया था. उस दौरान वह गर्भवती भी हुई थी, जिसका तिलक सिंह ने एबॉर्शन करा दिया गया था.

पीड़िता ने बताया कि हाजीपुर में रहते हुए जब मायके जाने की जिद कि तो उसे जबरदस्ती मारपीट कर चुप कर दिया जाता था. इस बीच कंपनी के चीट फंड होने का उसे एहसास हो गया था तो उसने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराना मुनासिब समझा. क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि जैसे उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया वैसे किसी अन्य लड़कियों के साथ यह खिलवाड़ हो.

कंपनी करती थी यौन शोषण
पीड़िता ने कंपनी के फर्जीवाड़े को समझते ही सबसे पहले मामला दर्ज कराया। उसके मुताबिक, यहां लड़कियों को बंधक बनाकर रखा जाता है। कोई लड़की इधर-उधर न भाग पाए तो इसके लिए हट्टे-कट्टे आदमी तैनात किए जाते हैं। लड़कियों को फंसाने के लिए रिश्तेदारों से फोन करवाकर और युवतियों को बुलाया जाता है। उन्हें भी नौकरी का झांसा देकर उनका यौन शोषण किया जाता है।

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