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हाथरस हादसे के पीड़ितों से मुलाकात के बाद राहुल बोले- प्रशासन की कमी तो है ,दिल खोलकर मुआवज दे योगी सरकार…

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After meeting the victims of Hathras incident, Rahul said- there is lack of administration, Yogi government should give compensation wholeheartedly…

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को अलीगढ़ और हाथरस पहुंचे. राहुल गांधी ने सबसे पहले अलीगढ़ में उस परिवार से मिले जिनके चार लोगों की मौत 2 जुलाई को सत्संग भगदड़ हादसे में हो गई थी. यहां परिवार को ढांढस बंधाने के बाद राहुल गांधी हाथरस पहुंचे. राहुल गांधी ने नवीपुर के ग्रीन पार्क में सत्संग कांड में मरने वालों के परिवार से मुलाकात की. राहुल गांधी ने सत्संग में हुई भगदड़ के दौरान मरने वाले लोगों के परिवार को सांत्वना दी.

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पीड़िता परिवार से मुलाक़ात के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी गरीब परिवार है. मुआवजा सही मिलना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा मुआवजा मिलना चाहिए. मैं यूपी के चीफ मिनिस्टर से विनती करता हूं कि दिल खोलकर के मुआवजा देना चाहिए. इस समय इनको मुआवजे की जरूरत है. ऐसा न हो कि मुआवजा देने में 6 महीने या फिर एक साल का वक्त लग जाये। राहुल गांधी ने कहा कि पीड़ित परिवार ने बताया कि आयोजनक स्थल पर प्रशासन की कमी थी. जो अरेजमेंट होना चाहिए था वो नहीं था. परिवार बहुत दुखी है. मुश्किल में है. मैं उनकी परेशानी समझने की कोशिश कर रहा हूं.

प्रशासन की कमी तो है और गलतियां हुई हैं’
राहुल गांधी ने ये भी कहा क‍ि कहा, “दुख की बात है। बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है। काफी लोगों की मृत्यु हुई है। प्रशासन की कमी तो है और गलतियां हुई हैं।

फरार मुख्य आयोजक पर एक लाख का इनाम
सत्संग के बाद भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में तीसरे दिन पुलि‍स एक्शन में आई। पुल‍िस न दो महिलाओं सहित छह सेवादारों को गिरफ्तार किया है। कुल 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।

नारायण साकार को अभी आरोपी नहीं मान रही पुल‍िस
पुलिस अभी सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) को आरोपित नहीं मान रही। जांच में करीब 200 मोबाइल नंबर पुलिस के रडार पर हैं। कुछ नंबरों पर घटना वाले दिन भोले बाबा की बात हुई थी। आयोजन स्थल पर लगे बोर्ड पर 72 आयोजकों के नाम दर्ज हैं, जिनमें से अधिकांश फरार हैं। भीड़ रोकने, धकेलने और साक्ष्य छुपाने का प्रयास करने वाले सेवादारों को भी चिह्नित किया जा रहा है।

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