In the state level school entrance ceremony, the Chief Minister said that today is a day of pride for me
घर से गोबर लाकर लिपाई करते थे स्कूल की, छत की मरम्मत गांव वाले करते थे, अपने स्कूल पहुंचकर पुराने दिनों को याद किया मुख्यमंत्री ने, कहा शिक्षा से बहुत कुछ बदलता है
जशपुर में दिव्यांग आदर्श आवासीय विद्यालय की घोषणा की
मुख्यमंत्री ने ग्राम बगिया और बंदरचुआ के स्कूल को आदर्श विद्यालय बनाने की घोषणा की
फरसा बहार में हायर सेकंडरी स्कूल की घोषणा की
6 अगस्त को सभी स्कूलों में पीटीएम कराया जाएगा, इसमें शिक्षक अभिभावकों को बताएंगे बच्चों की प्रगति
रायपुर, 5 जुलाई, 2024/ राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ग्राम बगिया के उसी स्कूल कैंपस में पहुंचे जहां कई बरस पहले उन्होंने अपनी पांचवी कक्षा की पढ़ाई की थी। उन्होंने बताया कि स्कूल को साफसुथरा रखने हम लोग घर से गोबर लाकर लिपाई करते थे। स्कूल के रखरखाव की पूरा गांव चिंता करता था और छत की मरम्मत गांव वाले मिलकर करते थे। टाटपट्टी भी नहीं थी, घर से बोरी लेकर आते थे, सीसी रोड भी नहीं था। पांचवी बोर्ड का सेंटर भी नहीं था और सेरामोंगरा जाना पड़ता था। अब शिक्षा के लिए इतनी सुविधाएं उपलब्ध हुई हैं तो अच्छा लगता है। चूंकि शिक्षा हमारे विकास का मूलमंत्र है अतएव इसकी बेहतरी के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जशपुर में दिव्यांग आदर्श आवासीय विद्यालय की घोषणा के साथ ही ग्राम बगिया और बंदरचुआ के स्कूल को आदर्श विद्यालय बनाने की घोषणा भी की। साथ ही उन्होंने फरसाबहार में हायरसेकेंडरी स्कूल की घोषणा भी की। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन मेरे और बगिया वासियों के लिए ऐतिहासिक दिन है। मैंने बगिया में पांचवीं तक की पढ़ाई की है। शिक्षा मात्र डिग्री या नौकरी हासिल करने के लिए नहीं है। यह जीवन बदलता है। आप शिक्षित और अशिक्षित व्यक्ति के जीवन स्तर को देखकर स्वयं भी अंदाजा लगा सकते हैं कि शिक्षा का जीवन में कितना महत्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से ही हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरु रहा है। नालंदा और तक्षशिला से शिक्षा प्राप्त कर बहुत से लोग आगे बढ़े।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा के विकास को आगे बढ़ाया है। इससे अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित होगी। इससे विद्यार्थियों को अपनी दक्षता सुधारने का बेहतर अवसर मिलेगा। विद्यार्थियों की समझ और ज्ञान को विकसित करने किताबों में उनकी स्थानीय भाषाओं का समावेश किया गया है। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने राज्य में 211 पीएमश्री विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। समर कैंप का आयोजन कर विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने और आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने मंच से सभी को बताया कि 6 अगस्त को सभी स्कूलों में पीटीएम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बच्चों के अभिभावकों को शिक्षक बताएंगे कि उनके बच्चे कैसे पढ़ाई करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में न्योता भोज का आयोजन भी किया जा रहा है। कोई भी अपने जन्मदिन और अन्य विशेष दिन में स्कूली विद्यार्थियों को न्यौता भोज दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले के पदमश्री श्री जागेश्वर यादव को मंच पर अपने पास बुलाकर कहा कि इन्होंने हॉफ पेंट पहनकर और बिना चप्पल पहने विशेष पिछड़ी जनजाति के पहाड़ी कोरवा, बिरहोर जनजाति समाज की निरंतर सेवा की। उनकी सेवा के बदौलत उन्हें राष्ट्रपति ने पद्मश्री से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति चाहे तो दूसरों की भलाई करके भी बहुत आगे बढ़ सकता है। आप भी इनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।
शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने भी अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर ही ध्यान दें, अन्य बच्चों से तुलना न करें। हर बच्चे की अपनी क्षमता और विशिष्टता होती है। इसे ध्यान देकर बच्चों की पढ़ाई पर फोकस करें।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि सच्चे संकल्प के साथ किये गये प्रयत्न से मुख्यमंत्री जी ने निश्चित ही सफलता मिलती है। आज जिस स्कूल में खड़े हैं इसी स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की है और प्रदेश का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे समय भी संसाधन कम थे लेकिन मेरी मां ने मुझे हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित किया। समाज को बदलने का एकमात्र माध्यम शिक्षा है। इस मौके पर सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने कहा कि सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए सभी सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। आप खूब पढ़े और आगे बढ़ें। विधायक जशपुर श्रीमती रायमुनी भगत ने कहा कि शिक्षकों के साथ अभिभावक भी बच्चों की पढ़ाई के लिए मेहनत करें, इससे निश्चित रूप से शिक्षा का स्तर बढ़ेगा। विधायक पत्थलगांव श्रीमती गोमती साय ने कहा कि सबसे बड़ा धन विद्या धन है। हमें शिक्षा को बेहतर करने के लिए लगातार काम करना है। इस मौके पर विधायक आरंग श्री गुरु खुशवंत साहेब, जिला पंचायत अध्यक्ष जशपुर श्रीमती शांति भगत, उपाध्यक्ष श्री उपेन्द्र यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। साथ ही स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेसी, संचालक समग्र शिक्षा श्री संजीव झा, संचालक डीपीआई श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, संभागायुक्त श्री जीआर चुरेंद्र, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर श्री रवि मित्तल एसपी श्री शशिमोहन सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
छात्राओं को मुख्यमंत्री ने दी साइकिल
इस मौके पर हाईस्कूल छात्राओं को मुख्यमंत्री श्री साय ने साइकिल वितरित की। छात्राओं ने घंटी बजाकर अपनी खुशी का इजहार किया। साथ ही उन्होंने मेधावी बच्चों को सम्मानित भी किया। यही नहीं होनहार छात्र-छात्राओं के अभिभावकों का भी सम्मान किया। साथ ही विनोबा एप के माध्यम से बेहतर शिक्षण कर रहे शिक्षकों का भी सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों से मुलाकात कर उनकी बनाई सामग्री देखी।
एक पेड़ मां के नाम अभियान अंतर्गत माँ के सम्मान में रूद्राक्ष का पौधा रोपा
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर एक पेड़ मां के नाम अभियान अंतर्गत मां के सम्मान में रुद्राक्ष का पौधा रोपा। साथ ही उन्होंने लोगों से प्रधानमंत्री के आग्रह पर एक पेड़ मां के नाम लगाने का आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कोई अपनी मां के सम्मान में पेड़ लगाएगा तो भारत की जनसंख्या के बराबर पेड़ लग जाएंगे, इससे हरियाली का दायरा बहुत बढ़ जाएगा।