Electricity has become expensive in Delhi, new prices will be applicable from this month, new rates will be applicable for 3 months
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में बिजली के दामों में बढ़ोतरी होने जा रही है. बिजली के मूल्य में हुई बढ़ोतरी मई महीने से जोड़ी जाएगी यानी 1 मई के बाद खर्च की गई बिजली का बिल बढ़े हुए दाम के साथ जोड़ा जाएगा. जुलाई में रहे बिलों में बढ़ोतरी नजर आएगी. यह बढ़ोतरी 1 मई से 3 महीने के लिए लागू रहेगी. इसके बाद बिजली की दर तय करने वाला डीईआरसी, बिजली कंपनियों की याचिका के हिसाब से आदेश देगा.
बता दें कि बीएसईएस की दो कंपनियां बीआरपीएल और बीवाईपीएल के इलाकों में बिजली महंगी की गई है.
टाटा पॉवर ने नहीं बढ़ाए दाम
बीवाईपीएल के इलाकों में 6.15 फीसदी की बढ़ोतरी और बीआरपीएल के इलाकों में 8.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा, तीसरी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने कोई भी बढ़ोतरी नहीं की है. बीवाईपीएल के इलाके में पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली के हिस्से आते हैं और बीआरपीएल के इलाके में दक्षिणी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के क्षेत्र आते हैं.बिजली के दरों में यह बढ़ोतरी पॉवर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट यानी PPAC के तहत की गई है.
सबसे अधिक एनडीएमसी के उपभोक्ताओं पर बोझ
पूरी दिल्ली में बिजली महंगी हो गई है, लेकिन सबसे अधिक बोझ एनडीएमसी क्षेत्र में रहने वालों पर पड़ेगा। एनडीएमसी उपभोक्ताओं से प्रति माह कुल 47.5 प्रतिशत पीपीएसी वसूलेगा। इसके बाद टीपीडीडीएल 46.63 प्रतिशत, बीआरपीएल 44.58 प्रतिशत और बीवाईपीएल 43.9 प्रतिशत पीपीएसी वसूलेगा।
बढ़ोत्तरी के बाद उपभोक्ताओं से वसूला जाने वाला पीपीएसी
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने पिछले वर्ष जून से इस वर्ष फरवरी तक पीपीएसी बढ़ाया था। उसके बाद अप्रैल तक और अब मई से जुलाई तक के लिए पीपीएसी की दरें बढाई जा रही है। यह उपभोक्ताओं से जुलाई से वसूला जाएगा।
कंपनी अबतक वसूला जाने वाले पीपीएसी (प्रतिशत) बढ़ने के बाद पीपीएसी बढ़ोत्तरी (प्रतिशत)
बीआरपीएल 35.83 44.58 8.75
बीवाईपीएल 37.75 43.9 6.15
टीपीडीडीएल 37.88 46.63 8.75
एनडीएमसी 38.75 47.5 8.75
क्या होता है पीपीएसी
ईंधन के दाम बढ़ने से डिस्काम को बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों से बढ़े हुए मूल्य पर बिजली खरीदनी पड़ती है। उपभोक्ताओं को बेची जाने वाली बिजली की दरें इस अनुपात में नहीं बढ़ती हैं। इस घाटे की भरपाई के लिए डिस्काम को उपभोक्ताओं से पीपीएसी वसूलने की अनुमति दी जाती है।
डिस्कॉम का कहना है कि नौ नवंबर, 2021 को बिजली मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश के अनुसार सभी राज्यों के विद्युत विनियामक आयोग को यह व्यवस्था बनानी है, जिससे कि बिजली के दाम बढ़ने पर डिस्काम को बिना आवेदन के पीपीएसी वसूलने की अनुमति मिल जाए। दिल्ली में 2012 से यह व्यवस्था लागू है।
भाजपा ने दिल्ली सरकार को ठहराया जिम्मेदार
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, समर एक्शन प्लान नहीं बनाया गया। संभावित मांग का आकलन करके बिजली खरीदने के लिए पहले से व्यवस्था नहीं की गई। गर्मी में मांग बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार व बिजली वितरण कंपनियों की नींद टूटी। यदि पहले से बिजली खरीद का समझौता किया जाता तो महंगी बिजली नहीं खरीदनी पड़ती।