Important meeting of doctors and police officers on security and law and order of hospitals
कोरबा। जिले में चिकित्सा सेवाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय, कोरबा के सभागार में विभिन्न चिकित्सा व्यवसायियों और चिकित्सकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान, नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रविंद्र मीणा और नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा भूषण एक्का ने की। इस बैठक ने जिले में अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने और आपात स्थितियों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा समुदाय और पुलिस प्रशासन के बीच संवाद और सहयोग की नई दिशा तय की है।
सुरक्षा के उपायों पर विस्तार से चर्चा
बैठक में शासकीय और अशासकीय अस्पतालों, नर्सिंग होम और मेडिकल संस्थानों में सुरक्षा बढ़ाने के उपायों पर गहन चर्चा की गई। यह सुनिश्चित किया गया कि मरीजों के परिजनों और आम नागरिकों की आवाजाही वाले क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से सतत निगरानी रखी जाए। इसके साथ ही, आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए अस्पतालों में निजी सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति और आग बुझाने के यंत्रों की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने चिकित्सकों को यह भी बताया कि आपातकालीन स्थितियों में स्थानीय थाना, पुलिस चौकी, नगर पुलिस अधीक्षक, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस नियंत्रण कक्ष और डायल 112 जैसे संसाधनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे अस्पतालों में किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में त्वरित पुलिस सहायता मिल सकेगी।
चिकित्सकों के सुझाव और पुलिस की सहमति
बैठक में चिकित्सकों ने यह सुझाव दिया कि समय-समय पर स्थानीय पुलिस द्वारा अस्पतालों में पेट्रोलिंग की जाए ताकि सुरक्षा व्यवस्था और भी सुदृढ़ हो सके। इस पर पुलिस अधिकारियों ने सहमति व्यक्त की और कहा कि आगे से स्थानीय पुलिस दल द्वारा अस्पतालों में नियमित पेट्रोलिंग की जाएगी, जिससे अस्पतालों के वातावरण को सुरक्षित रखा जा सके।
उपस्थित चिकित्सा प्रबंधन और चिकित्सक
इस बैठक में कोरबा के प्रमुख अस्पतालों और नर्सिंग होम जैसे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, साहू हॉस्पिटल, कृष्णा हॉस्पिटल, श्वेता नर्सिंग होम, डीके हॉस्पिटल, बाल्को हॉस्पिटल, एनटीपीसी हॉस्पिटल और सीएसईबी हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने भाग लिया। इन प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों ने अपनी चिंताओं और सुझावों को साझा किया, जिन पर पुलिस अधिकारियों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
चिकित्सा सेवा संस्थानों की सुरक्षा को लेकर विशेष कानून पर चर्चा
बैठक के दौरान चिकित्सा सेवक तथा चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा तथा संपत्ति की क्षति या हानि की रोकथाम) अधिनियम 2010 के प्रावधानों पर भी चर्चा की गई। पुलिस अधिकारियों ने चिकित्सकों को इस कानून के उपबंधों के बारे में अवगत कराया, जिसमें चिकित्सा संस्थानों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों की जानकारी दी गई। यह अधिनियम किसी भी प्रकार की हिंसा या संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए प्रभावी रूप से कार्य करता है और इसके अंतर्गत कड़ी सजा का प्रावधान है।
पुलिस और चिकित्सा संस्थानों के बीच बेहतर समन्वय
इस बैठक के आयोजन से पुलिस और चिकित्सा संस्थानों के बीच एक बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। पुलिस प्रशासन ने चिकित्सकों और अस्पताल प्रबंधन को आश्वस्त किया कि वे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान करेंगे। साथ ही, सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर निरंतर ध्यान दिया जाएगा ताकि चिकित्सा सेवाएं सुचारू रूप से चल सकें और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।